लवन परिक्षेत्र में विद्युत करेंट से चीतल के 4 शिकारियों को वन अमला ने धर दबोचा——–

-

कसडोल ।वनमंडल बलौदाबाजार अन्तर्गत लवन परिक्षेत्र में घटना दिनाँक 7 मार्च मंगलवार को सुबह 8 से 8:30 बजे के बीच मुखबिर के सूचना के आधार पर चीतल के अवैध शिकार के मामले में चार शिकारियों को स्थानीय वन अधिकारी-कर्मचारियों ने रंगे हाथ धर दबोचा है।अभियुक्तों को प्रकरण क्रमांक 15623/19 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर पकड़े गए सभी चार अभियुक्तों को 9 मार्च गुरुवार को प्रथम श्रेणी कसडोल न्यायालय में पेश कर जिला जेल बलौदाबाजार में भेज दिया गया है।विभाग से मिली जानकारी अनुसार लवन परिक्षेत्र अन्तर्गत घिरघोल परिसर के कक्ष क्रमांक 139 भोथाही बीट आबादी क्षेत्र के अंतर्गत में शिकारियों ने खेत में जीआई तार विद्युतधारा प्रवाहित कर एक नर चीतल का अवैध शिकार किया है।इस अवैध शिकार के मामले में शामिल चार शिकारियों में विष्णुप्रसाद ध्रुव पिता नाथूराम ध्रुव उम्र 34 ग्राम घिरघोल, टेकराम ध्रुव पिता रमेशर ध्रुव उम्र 29 ग्राम घिरघोल, रघुनाथ निषाद पिता रेवाराम निषाद उम्र 32 ग्राम घिरघोल,शोभाराम निषाद पिता बोनूराम निषाद उम्र 35 ग्राम घिरघोल इन चारों अभियुक्तों पर वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 9,29,50,51 अधिरोपित की गई है।आरोपियों से तार 1.451किलोग्राम,1नग टंगिया,लकड़ी की खुटी,30 किलोग्राम चीतल का मांस मौके में बरामद किया गया है।वही इस संबंध में बीट प्रभारी वन रक्षक संदीप देवांगन ने बताया कि मुखबिर के सूचना के आधार पर 7 मार्च को सुबह 8 बजे मुझे जानकारी मिली फिर मैं 8:30 बजे दो स्टॉप मुढ़ीपार वन रक्षक ब्रिजेश सोनकर,और बल्दाकछार वन रक्षक तुलसी मनहरे के साथ फील्ड में पहुँचा।पहले तो हम लोगों को सही घटना स्थल का पता नहीं चला था मुखबिर ने बताया था कि रात को सुबह-सुबह 4-5 बजे के समय बिजली बंद-चालू (बुग-बाग)हो रहा था।फिर हम लोग वहां गए और देखा कि रास्ते में 139 कम्पार्टमेन्ट के बगल में एक खेत में रबी फसल का धान लगा हुआ है और एक बोर भी है।बोर के आसपास छानबिन करने पर एक मांस का टुकड़ा और एक छोटा सा हड्डी मिला।फिर छानबीन के लिए आगे बढ़े तो खेत के दोनों तरफ शिकार के लिए बिछाए गए जेई तार करेंट की चपेट में आकर गिरे जमीन पर जानवर के निशान मिला।फिर आगे बढ़े तो 50 से 100 मीटर की दूरी पर खेत मे चीतल का कटा हुआ 4 पैर और यत्र-तत्र अवस्था फैले पेट का अंतड़ी मिला।अब इन सारे चीजों को बरामद करने पर कन्फर्म हुआ कि यह सब अवशेष चीतल का ही है करके।फिर इसकी सूचना हमने अपने उच्चाधिकारियों को दी।और इसी बीच फिर से आसपास पतासाजी करने पर बोर के पास एक कुल्हाड़ी भी मिला जिसमें खून के निशान थे।फिर जिसके खेत में यह घटना हुई है उसको बुलाकर पूछताछ की गई पहले तो खेत मालिक ने इंकार कर दिया फिर कढ़ाई से पूछताछ करने पर विद्युत करेंट से चीतल का शिकार करना कबूल किया।और अपना नाम विष्णुप्रसाद ध्रुव बताया।विष्णु के आधार पर गांव के दो लोगों से पूछताछ किया गया तो उन दोनों लोगों ने शिकार किये गए चीतल को छोटे-छोटे टुकड़ों में काटकर बड़े से डिब्बे और बाल्टी में भरकर ग्राम पंचायत घिरघोल भवन से 100 से 200 मीटर की दूरी पर किसी गांव वाले द्वारा बनाये जा रहे ईंट के ढेरों के बीच में छुपा दिया था।शिकारियों द्वारा बताए जा रहे निशान देही पर उसके बताए अनुसार ईंट के ढेरों को हटाकर बाल्टी,डिब्बे से भरे चीतल के मांस को बरामद कर जप्त किया गया।उकसे बाद टेकराम के खेत में बड़े से बाल्टी में भरकर छिपाए गए आधा बाल्टी मांस और साबुत स्थिति में चीतल का कटा हुआ सिर बरामद किया गया।चारों आरोपियों ने विद्युत करेंट से चीतल का शिकार करना कबूल किया है।जिसकी सूचना तुरंत परिक्षेत्र अधिकारी अनिल वर्मा को दी गई सूचना पाकर समस्त स्टॉफ के परिक्षेत्र अधिकारी घटना स्थल पर पहुंच कर शिकारियों को गिरफ्तार कर वन अधिनियम के तहत अपराध प्रकरण दर्ज कर कार्यवाही की गई।इस पूरे कार्यवाही में परिक्षेत्र अधिकारी अनिल वर्मा सहित,रामकुमार विश्वकर्मा,संदीप देवांगन,बृजेश सोनकर, तुलसी राम मनहरे,राजू कुर्रे,तिलक पैकरा,नंदू बघेल,महेश चेलक,गोविंद पटेल आदि का योगदान रहा।

विज्ञापन बॉक्स (विज्ञापन देने के लिए संपर्क करें)

इसे भी पढे ----

वोट जरूर करें

Sorry, there are no polls available at the moment.

आज का राशिफल देखें