रिपोर्टर/तोषन प्रसाद चौबे/सिध्दार्ध न्यूज़
छत्तीसगढ़ राज्य में विगत 7 वर्षो से बोट पद्धति से झारखण्ड की आईटी सॉल्यूशन कंपनी के सॉफ्टवेर द्वारा रजिस्ट्री कार्य संपादन हो रहा है, जिसमे आईटी सॉल्यूशन कंपनी के लगभग 270 कंप्यूटर ऑपरेटर कार्यरत है l अब इस पद्धति को समाप्त कर केंद्र की एनडीआरएस पद्धति से रजिस्ट्री कार्य होनी है, इसके लिए हाल ही में महानिरीक्षक पंजीयन द्वारा आदेश जारी कर सभी उप पंजीयक कार्यालयों में चरणबद्ध तरीके से 18 मार्च 2024 तक एनडीआरएस पद्धति चालू करने आदेशित किया है ।ऑपरेटरों ने सौपा मुख्यमंत्री को ज्ञापन आई टी सॉल्यूशन द्वारा नियुक्त 270 कंप्यूटर ऑपरेटर है जो लगभग 7 वर्षो से पंजीयन विभाग को अपनी सेवा दे रहे है, अपने भविष्य को लेकर चिंतित कर्मचारियों ने रविवार को मुख्यमंत्री के विश्राम गृह पहुना पहुंचकर मुख्यमंत्री जी को ज्ञापन सौंपा, जंहा इस सबंध में मंत्री ओपी चौधरी जी से मुलाकात कर चर्चा किये महत्वपूर्ण तथ्य यह है की कोरोना जैसे भयावह स्थिति में भी अपनी जान की परवाह किये बिना भी यही कर्मचारी शासन को अपनी सेवा दिए, ऐसे में शासन इन कर्मचारियों के लिए क्या करती है
*क्या है एनडीआरएस पद्धति*
एनडीआरएस पद्धति में नागरिक पोर्टल से आम नागरिक अपने जमीन की रजिस्ट्री के लिए ऑनलाइन माध्यम से पंजीयन कार्यलय में आवेदन प्रेषित कर सकता है । उसके बाद पंजीयन कार्यालय से रजिस्ट्री की कार्यवाही सम्पादित होगी । विगत 2 वर्ष पहले पायलट रन प्रोजेक्ट के तहत धमतरी, महासमुंद और अभनपुर के कुछ कार्यालयों में एनडीआरएस पद्धति से रजिस्ट्री का कार्य किया जा रहा है, जिसमे वर्तमान में सेवा दे रहे कंप्यूटर ऑपरेटर (ईटी सॉल्यूशन के ओपेरटर) को नहीं रखा गया है , जिसको लेकर कंप्यूटर ऑपरेटर अपने भविष्य को लेकर चिंतित है । देखने में यह लगता है की इसमें कंप्यूटर ऑपरेटर की आवश्यकता नहीं होगी, किन्तु आज के समय में हर विभागीय कार्य ऑनलाइन ही किया जा रहा है, क्या इस लिए पंजीयन विभाग के कार्यालयों में कंप्यूटर के जानकार उपलब्ध है जो तकनिकी समस्या आने पर इसका त्वरित निराकरण कर सके, जिससे की लोगो को परेशानी ना हो, और यदि एनडीआरएस पद्धति में ऑपरेटर की आयश्यकता नहीं है तो फिर क्यों जंहा जंहा एनडीआरएस पद्धति से रजिस्ट्री किया जा रहा है वंहा अनाधिकृत रूप से जो कंप्यूटर के जानकार हैं उनको काम निपटाने के लिए रखा गया है l अब एनडीआरएस पद्धति पुरे राज्य में चरणबद्ध पुरे राज्य में लागु होने वाली है ।
*उठ रहे है बहुत से सवाल क्या 270 कंप्यूटर ऑपरेटर बेरोजगार हो जायेंगे*
मुख्यमंत्री को ज्ञापन देने के बाद इन ओपेरटर को विभाग में समायोजित किया जायेगा और यदि एनडीआरएस पद्धति में ऑपरेटर की आयश्यकता नहीं है तो फिर जंहा एनडीआरएस पद्धति से रजिस्ट्री प्रारंभ हुआ है , वंहा अनाधिकृत रूप से कंप्यूटर के जानकार लोगो से क्यों काम लिया जा रहा है । अब ऑपरेटरों का अगला कदम क्या होगा । क्या बीजेपी की सरकार हमने बनाया है हम ही सवारेंगे को चरितार्थ करेगी, क्यों की 2017 में आईटी सॉल्यूशन को बीजेपी के शासन काल में ही रजिस्ट्री का ठेका मिला था, जिससे की रजिस्ट्री कार्य को संपादन के लिए इन कर्मचारियों की आई टी सॉल्यूशन द्वारा नियुक्त किया गया था,अब देखना यह है की बीजेपी की सरकार इन कर्मचारियों को विभाग में समायोजित कर सरकार हमने बनाया है, हम ही सवारेंगे को चरितार्थ करेगी।