Home बड़ी खबर जहरीले सांपों से बचके रहें सावधान रहें वरना आपके साथ वो लोग भी शिकार हो जाएंगे जो साँप को पहचानते हैं – सुधीर कुमार जाटव।

जहरीले सांपों से बचके रहें सावधान रहें वरना आपके साथ वो लोग भी शिकार हो जाएंगे जो साँप को पहचानते हैं – सुधीर कुमार जाटव।

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जहरीले सांपों से बचके रहें सावधान रहें वरना आपके साथ वो लोग भी शिकार हो जाएंगे जो साँप को पहचानते हैं – सुधीर कुमार जाटव।

दिल्ली 19 जुलाई 2023 । (द्वारा एडिटर इन चीफ नीलकांत खटकर सिद्धार्थ न्यूज) सुधीर कुमार जाटव की 18 जुलाई 2023 की एक ट्वीट मिली जिसे साझा कर रहा हूं। कुछ लोगों को अच्छा लगेगा कुछ लोगो  को बुरा। बहुत दिनों से इस पर लिखना चाह रहा था । आज लिख दिया । एक कुँए में बहुत सारे मेंढक रहते थे । एक दिन कहीं से उस कुँए में एक साँप आ गया । उस साँप को देखकर सारे मेंढक डर गए । मेंढकों को डरा हुआ देखकर साँप बोला डरो नही । मुझको यहाँ पर भगवान ने तुम्हारी सुरक्षा के लिए भेजा है । मैं तुमको कोई नुकसान नही पहुंचाऊंगा । पास ही एक तालाब है, जहाँ खूब पानी है और तुम्हारे खाने का इंतजाम भी है । भगवान ने मुझको तुम्हे वहाँ ले जाने के लिए भेजा है लेकिन समस्या ये है कि एक बार में सिर्फ दो ही मेंढक जा सकते हैं । सभी मेंढक उसकी बात सुनकर बहुत खुश हुए और सुनहरे ख्वाबों में खो गए । उनमे से कुछ बुद्धिमान मेंढकों ने कहा ये तो साँप है । हमारा दुश्मन है । ये हमारा मित्र कैसे हो सकता है । लेकिन उन अंधे मेंढकों ने कहा तुमको तो हर किसी पर शक करने की आदत है । देखते नही हो कितना भला साँप हैं । इसको तो खुद भगवान ने हमारे लिए भेजा है । हम तो जरूर जाएंगे । किसी मेंढक ने उनकी बात नही सुनी । अब मेंढक इस बात पर लड़ने लगे पहले कौन जाएगा क्योंकि एक दिन में सिर्फ दो मेंढक ही जा सकते थे । आपस में लड़ाई से उनमे टूट हो गयी । तब साँप ने कहा आपको आपस मे लड़ने की जरूरत नही है । मैं खुद तय करूँगा पहले कौन जाएगा । इस प्रकार साँप रोज दो मेंढक उठाकर ले जाता और रास्ते में उनको मारकर खा जाता । मेंढक खाने के बाद साँप आराम करता और अगले दिन फिर मेंढकों को उठाकर ले जाता । इस प्रकार उन मेंढकों की भी बारी आ गयी जो साँप की असलियत जानते थे । वो मूर्ख मेंढकों की वजह से मारे गए ।

इसी प्रकार उस साँप की तरह वो नेता व्यवहार कर रहा है जो कहता है कि हमने दलितों और बाबा साहब के लिए बहुत काम किये हैं । वो बाबा साहब का स्मारक बनवाता है और उधर उनके अनुयायियों की हत्या होती रहती हैं । उनके साथ जुल्म ज्यादती होती हैं । उनको झूठे मुकदमों में जेलों में डाला जाता है और वो कहता है हमने अनुसूचित जाति, जनजातियों के लिए बहुत काम किये हैं । ऐसे साँपो से सावधान रहें वरना आपके साथ वो लोग भी शिकार हो जाएंगे जो साँप को पहचानते हैं ।