🌷🌿सभी धम्म गुरुओं* एवं* *उपासक ‘ उपासिकाओं को* 🌿🙏
*2567 वी*
☸️ *अर्न्तराष्टीय महापर्व ** *बुद्ध पूर्णिमा* ☸️*
यानि (त्रिविध पावनी बैसाख पूर्णिमा ) की
*हार्दिक बधाई* 💐💐💐
☸️नमो तस्स भगवतो अरहतो सम्मासमबुद्धस्स☸️
अर्थात. अपनी तृष्णा को मिटाने वाले ,दुखों को नष्ट कर ,सत्य को जानने वाले, सम्पूर्ण व सही.उन बुद्ध को नमस्कार .
*📚1.तीन रत्न (The Triple* Gems )_
*_2* .पांच शील. (The Five Principles )_
*_3* .चार आर्य सत्य.(The Four noble Truth )_
_4.आठ अष्टांगिक मार्ग (The Eight folds Path )_
_5. दस पारमिता ( TheTen Perfections )_
_6.अड़तीस मंगल कर्म.( Wisdom/ Blessings )_
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🌺 *☸️त्रिरत्न (Triple* Gems)- बुद्ध, धम्म, संघ*_
_बुद्धं सरणं गच्छामि।_
_धम्मं सरणं गच्छामि।_
_संघं सरणं गच्छामि।_
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*🪴_☸️चार आर्य सत्य. Four* Noble Truth*_
_1. दुनिया में दु:ख है._
_The Truth of Suffering_
_2. दु:ख का कारण है._
_The Truth of Cause of Suffering_
_3. दु:ख का निवारण है._
The Truth of End of Suffering.
_4. दु:ख के निवारण का उपाय है._
_Truth of the Path to end of Suffering_
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*🌷 ☸️पंचशील…The Five* Principles (morality)*_
_पाणातिपाता वेरमणी सिक्खापदं समादियामि_
_1. किसी प्राणी की हिंसा नहीं करना_
_To abstain from killing any living_
_अदिन्नदाना वेरमणी सिक्खापदं समादयामि_
_2.चोरी नहीं करना, नहीं दी चीज नहीं लेना_
_To abstain from stealing._
_कामेसु मिच्छाचारा वेरमणी सिक्खापदं_
_3. व्यभिचार नहीं करना_
_To abstain from sexual misconduct_.
_मुसावादा वेरमणी सिक्खापदं समादियामि_
_4. झूठ नहीं बोलना, झूठ प्रसार नहीं करना_
_To abstain from false speech_.
_सुराय मेरय मज्ज पमादट्ठाना वेरमणी सिक्खापदं_
_5. नशापान/मद्यपान नहीं करना_
_To abstain from intoxicants._
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🌻 *☸️आठ. आष्टांगिक* मार्ग—_
_The Eight Fold Path_
_1.सम्यक दृष्टि (सही दृष्टिकोण).(Right View )_
_2.सम्यक संकल्प..(Right Intention)_
_3.सम्यक वाणी..(Right Speech )_
_4.सम्यक कर्मांत..(Right Action )_
_5. सम्यक आजीविका. (Right Livelihood )_
_6. सम्यक व्यायाम . (Right Effort )_
_7. सम्यक स्मृति..(Right Awareness )_
_8. सम्यक समाधि. (Right Concentration )_
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*🌿 ☸️दस पारमिता* – Perfections*_
_*(The Noble Characters / Qualities )*_
_1.दान पारमिता – उदारता पूर्ण दान करना_
_2 .शील पारमिता- मन,वाणी, शरीर से कुशल कर्म करना_
_3. नैष्क्रम्य पारमिता – महान त्याग करना_
_4. प्रज्ञा पारमिता – जानना, सत्य का ज्ञान_
_5. वीर्य पारमिता – आलस्यहीन हो, दृढशक्ति_
_6. क्षांति पारमिता – खांति, सहनशीलता_
_7.सत्य पारमिता- सम्यक दृष्टि, सही दृष्टिकोण_
_8.अधिष्ठान पारमिता- दृढ़ संकल्प से संपादन_
_9 .मैत्री पारमिता – सभी प्राणियों से मैत्री भाव_
_10.उपेक्खा पारमिता- उपेक्षा, पक्षपात रहित भाव_
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*💐☸️बुद्ध द्वारा बताए 38* मंगल कर्म – महामंगलसुत्त*_
_1.मूर्खों की संगति नहीं करना._
_2. बुद्धिमानों की संगति करना।_
_3. शीलवानों की संगति करना।_
_4. अनुकूल स्थानों में निवास करना।_
_5. कुशल कर्मों का संचय करना।_
_6. कुशल कर्मों में लग जाना।_
_7. अधिकतम ज्ञान का संचय करना।_
_8. तकनीकी विद्या, शिल्प सीखना।_
_9. व्यवहार कुशल एवं विनम्र होना।_
_10. विवेकवान होना।_
_11. प्रभावशाली वक्ता होना।_
_12. माता पिता की सेवा करना।_
_13. परिवार का पालन पोषण करना।_
_14. अकुशल कर्मों को ना करना।_
_15. बिना किसी अपेक्षा के दान देना_
_16. धम्म का आचरण करना।_
_17. रिश्तेदारों का आदर सत्कार करना।_
_18. कल्याणकारी कार्य करना।_
_19. मन, शरीर तथा वचन से दूसरों को दुख देने वाले कर्म नहीं करना_
_20. नशीली चीजों का सेवन न करना।_
_21.धम्म के कार्यों में तत्पर रहना।_
_22.गौरवशाली व्यक्तित्व बनाए रखना।_
_23. विनम्रता बनाए रखना।_
_24. पूरी तरह से संतुष्ट होना. तृप्त होना।_
_25. कृतज्ञता कायम रखना।_
_26. समय समय पर धम्म चर्चा करना_
_27. क्षमाशील होना।_
_28. आज्ञाकारी होना।_
_29. भिक्षुओ, शीलवान लोगों का दर्शन करना।_
_30. मन को एकाग्र करना।_
_31. विपस्सना से मन निर्मल करना।_
_32. सतत जागरूकता बनाए रखना ।_
_33. पाँच शीलों का पालन करना।_
_34. चार आर्य सत्यों का दर्शन करना_
_35. आर्य अष्टांगिक मार्ग पर चलना।_
_36. निर्वाण का साक्षात्कार करना।_
_37. लोक धम्म, लाभ हानि, यश अपयश, सुख-दुख, जय-पराजय से विचलित नहीं होना।_
_38. शोक रहित, निर्मल एवं निर्भय होना।_
*☸️सबका मंगल हो..सभी प्राणी* *सुखी हो☸️*
🙏🙏🙏 🌹🌹🌹
📚*सभी समस्या* का यही निदान। भारतीय संविधान का *सही ज्ञान।।*
📘 *जिसको* नहीं *संविधान* का ज्ञान।
वो कैसे करेगा संविधान का *सम्मान* ।📚🌿🌷💐🌻🌺🌸🪴🙏🙏🙏