जिला ब्यूरो चीफ/तोषन प्रसाद चौबे/सिद्धार्थ न्यूज़
बलौदा बाजार वनमंडल के वन अमलों द्वारा संवेदनशील क्षेत्रों में नियमित रूप से गश्ती की जा रही है। इसी दौरान दिनांक 9 नवम्बर 2024 को रात्रि लगभग 09ः00 बजे, परिक्षेत्र अर्जुनी अंतर्गत वन क्षेत्र में गश्ती के दौरान परिक्षेत्र अर्जुनी रात्रि गश्ती टीम द्वारा कुछ लोगों को जंगल की तरफ गांजरडीह बीट में जाते हुए देखा गया। गश्ती टीम द्वारा उनका पीछा किया गया और जंगल में छिपकर उनको पकड़ने के लिए घात लगाकर बैठे रहे। सुबह तड़के करीब 4 बजे शिकार के 5 आरोपियों को वन विभाग द्वारा धर दबोचा गया। जिसमें मुख्य शिकारी कमल सिंह ग्राम गांजरडीह है, जो पूर्व में भी वन्यप्राणी के शिकार केस में जेल भेजा जा चुका है और जमानत में बाहर आकर पुनः शिकार की घटनाओं को अंजाम देता है, उक्त व्यक्ति आदतन शिकारी है एवं अन्य 4 आरोपी क्रमश कुंजराम विश्वकर्मा ग्राम करमेल,कुबेर सिंह भोई ग्राम करमेल, चैनूराम भोई ग्राम करमेल एवं युधिष्ठिर भोई ग्राम करमेल है। इनके पास से शिकार सामग्री करीब 6.7 कि.ग्रा.जी आई तार एवं सेट्रींग तार जप्त किया गया। जिसे जंगल में फैलाकर लकड़ी की खुंटी लगाकर 11000 वोल्ट के विद्युत खम्भे में कनेक्शन करके वन्यप्राणी के शिकार को अंजाम देने का प्रयास कर रहे थे। उपरोक्त गश्ती टीम में श्री गोविंद राम निषाद वनरक्षक परिसर रक्षी गांजरडीह, सनद यादव, श्री भानु प्रसाद केंवट,श्री तुलाराम, श्री मनोहर सुरक्षा श्रमिक शामिल थे।
इसके साथ ही 2 दिन पूर्व ही वन विभाग की टीम द्वारा गांजरडीह एवं सराईपाली के आस-पास के गांव में बाघ एवं अन्य वन्यप्राणी विचरण के संबंध में मुनादी कराया गया था ग्रामीणों को समझाईस दी गयी थी कि वन क्षेत्र में न जावें। उसके बाद भी शिकारियों द्वारा वन्यप्राणी के शिकार करने का प्रयास किया गया। हालाकि वन विभाग की टीम ने शिकार होने के पूर्व ही शिकारियों को धर दबोचा। इसके पूर्व सोनाखान परिक्षेत्र के भुसड़ीपाली बीट में भी दो बंदूकधारी शिकारियों को उनके शिकार के पूर्व ही उन्हें पकड़ लिया गया था। उक्त शिकार में संलिप्त 5 शिकारियों के विरूद्ध नियमानुसार वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत आवश्यक कार्यवाही कर जेल भेजा गया।उपरोक्त कार्रवाई में उप वनमंडलाधिकारी कसडोल हितेश कुमार ठाकुर,परिक्षेत्र अधिकारी अर्जुनी अनिरूद्ध भोई,परिक्षेत्र सहायक सोनाखान योगेश कुमार साहू वनपाल एवं परिक्षेत्र अर्जुनी के समस्त वन अमला शामिल थे।