।। सिद्धार्थ न्यूज से नीलकांत खटकर।।
रायपुर/ जगदलपुर 24 अक्टूबर 2024 । राज्य के लोक निर्माण विभाग में इंजीनियर के पद पर फर्जी डिग्री हासिल कर नौकरी करने की शिकायत मिल रही है। वहीं इन फर्जी डिग्री धारियों की एक बार पदोन्नति भी हो गई है। अभी हाल ही में होने वाली पदोन्नति में इनके नाम को पुनः शामिल करने का मामला सामने आया है।ज्ञात हो कि छ.ग. शा. सामान्य प्रशासन विभाग के पत्र क्रमांक 966/275/परा/2013/1-3 दिनांक 11.07.2013 2. छ.ग. शासन जल संसाधन विभाग मंत्रालय महानदी भवन, नवा रायपुर का आदेश क्रमांक एफ 01-14/31/स्था./2013 दिनांक 31/08/2013 माध्यम से ऐसे उप अभियंता जिन्होंने सेवा में आने के पूर्व या सेवा में रहते हुए ऐसे विश्वविद्यालयों / संस्थानों के द्वारा दूरस्थ शिक्षा प्रणाली (पत्राचार) के माध्यम से बी. टेक. / इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की है, जिन्हें AICTE से मान्यता नहीं है, के नाम डिग्रीधारी उप अभियंता के पद पर पदोन्नती हेतु विचार नहीं करने का निर्णय लिया गया है। इन प्रकरणों में छत्तीसगढ़ शासन, तकनीकी शिक्षा, जनशक्ति नियोजन, विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी विभाग ने अपने पत्र क्रमांक एफ 9-36/2012/तक.शि./42 दिनांक 25.03.2013 एवं पत्र दिनांक 09.07.2013 के द्वारा अवगत कराया है कि AICTE के अनुसार बी.टेक उपाधि पत्राचार पाठ्यक्रम में मान्य नहीं है।
विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक सामान्य प्रशासन विभाग ने अपने पत्र क्रमांक 966/275/परा/2013/1-3 दिनांक 11.07.2013 के द्वारा सभी कार्य विभागों को सूचित किया है कि Institution of Civil Engineers (India) एवं राज्य के मान्यता प्राप्त शैक्षणिक संस्थानों के अलावा अन्य किसी भी संस्था से दूरस्थ शिक्षा पाठ्यक्रम से प्राप्त अर्हता को तकनीकी पदों पर नियुक्ति / पदोन्नती के मान्य नहीं किया जाना चाहिए। उपरोक्त आदेशों एवं पत्रों के माध्यम से छ.ग. शासन ने जनार्दन राय नागर (जे. आर. एन.) राजस्थान विद्यापीठ उदयपुर (राजस्थान) या इसी प्रकार के अन्य संस्थानों से मुक्त एवं दूरस्थ शिक्षा प्रणाली (पत्राचार) द्वारा बी.टेक तथा बी.ई. की डिग्री को विभाग की सेवाओं में भर्ती एवं पदोन्नती के लिए मान्य नहीं किया गया है। विभाग के अधिकारी उपरोक्त समस्त तथ्यों से भलीभांति अवगत होने के बावजूद भी कलम सिंह पैंकरा (सहायक अभियंता वि/याँ) एवं होमन सिंह भेड़िया (सहायक अभियंता वि/याँ) वर्तमान में दोनों अभियंता, कार्यपालन अभियंता लो.नि.वि. विद्युत/यांत्रिकी संभाग जगदलपुर में कार्यरत हैं, के द्वारा 31.10.2011 को आयोजित उपअभियंता वि/यां से सहायक अभियंता वि/यां के पद पर पदोन्नती हेतु विभागीय पदोन्नती समिति की बैठक में उपरोक्त अमान्य संस्था जनार्दन राय नागर (जे. आर. एन.) राजस्थान विद्यापीठ उदयपुर (राजस्थान) की बी.टेक. की डिग्री संलग्न कर शासन से तथ्यों को छुपाकर पदोन्नती प्राप्त कर लियें हैं और शासन प्रशासन को वित्तीय क्षति पहुंचा रहे हैं जिससे योग्य उम्मीदवारों का हक छीन रहे हैं। वर्तमान में सहायक अभियंता वि/यां से कार्यपालन अभियंता चि/यां के पद पर पदोन्नती किये जाने हेतु पुनः एक बार उपरोक्त दोनों व्यक्तियों के द्वारा अपने पहुंच एवं पैसे के बल पर शासन /विभाग को गुमराह कर छ.ग. लोक सेवा आयोग को प्रेषित किये जाने वाले प्रस्ताव में अपना नाम जुड़या लिया गया है। उक्त प्रक्रिया में अमान्य संस्था की डिग्री संलग्न कर पदोन्नती का लाभ लेने के लिये कलम सिंह पैंकरा एवं होमन सिंह भेड़िया (सहायक अभियंता वरिष्ठता क्रमांक क्रमशः 03 एवं 04) का नाम कार्यपालन अभियंता वि/यां के लिये पदोन्नती प्रस्ताव में शामिल किया जाना एक अवैधानिक कृत्य होने के साथ अपने आप में एक विभाग के आला अधिकारियों के कार्यों पर सवाल उठाने लगा है जो कि छ.ग. शासन की सुशासन वाली छवि को कलंकित करने जैसा है। सूत्रों के अनुसार उपरोक्त दोनों अभियंताओं के बी.टेक की डिग्री के साथ ही प्रस्ताव में सम्मिलित अन्य समस्त अभियंताओं की डिग्री/डिप्लोमा का परीक्षण किये जाने के बाद ही सहायक अभियंता वि/यां से कार्यपालन अभियंता वि/यां के पद पर पदोन्नती हेतु प्रस्ताव को स्वीकार किया जाना चाहिए एवं दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करना चाहिए।
ऐसी पदोन्नतियों पर रोक लगाने और आवश्यक कार्यवाही के लिए मीडिया द्वारा राज्य के महामहीम राज्यपाल, मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ शासन, उपमुख्यमंत्री , लो.नि.वि. छत्तीसगढ़ शासन, अध्यक्ष छ.ग. लोक सेवा आयोग नवा रायपुर , समस्त सदस्य गण, छ.ग. लोक सेवा आयोग नवा रायपुर, सचिव छ.ग. शासन लोक निर्माण विभाग, महानदी भवन अटल नगर जिला रायपुर, छ.ग. को सूचनार्थ संप्रेषित् किया गया है।