Home बड़ी खबर सोशल जस्टिस एंड लीगल फाउंडेशन एवं संविधान प्रचारिणी सभा के संयुक्त तत्वाधान में संविधान जानो कार्यशाला महासमुंद में रविवार 20 अक्टूबर को सम्पन्न ।

सोशल जस्टिस एंड लीगल फाउंडेशन एवं संविधान प्रचारिणी सभा के संयुक्त तत्वाधान में संविधान जानो कार्यशाला महासमुंद में रविवार 20 अक्टूबर को सम्पन्न ।

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सोशल जस्टिस एंड लीगल फाउंडेशन एवं संविधान प्रचारिणी सभा के संयुक्त  तत्वाधान में संविधान जानो  कार्यशाला महासमुंद में रविवार 20 अक्टूबर को सम्पन्न ।

।। सिद्धार्थ न्यूज से नीलकांत खटकर।।

रायपुर / महासमुंद 22 अक्टूबर 2024 । बीते दिनों महासमुंद में सोशल जस्टिस एंड लीगल फाउंडेशन एवं संविधान प्रचारिणी सभा के संयुक्त तत्वाधान में संविधान जानो कार्यशाला का आयोजन किया गया। प्रचारिणी सभा एवं सोजलिफ के सदस्यों के संयुक्त वक्ताओं के व्यक्तव्य के साथ खत्म हुईं। संविधान प्रचारिणी सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व संस्थापक एडवोकेट धनीराम बंजारे ने संविधान की सर्वोच्चता पर विस्तारपूर्वक बात रखी एवं संविधान के अनुच्छेद 21 क सामूहिक वाचन कराया गया। संविधान मेला सिर्फ छत्तीसगढ़ नहीं भारत के विविध राज्यों में लगातार आयोजित कर संविधान जागरूकता कार्यक्रम मिशन के रूप मे स्थापित कर रहे हैं।

कार्यक्रम में एस एल मात्रे पूर्व जज, गावस्कर सर अति. डायरेक्टर लोक अभियोजन, निराला सर प्राचार्य JMP कालेज बिलासपुर, मेश्राम सर, कलेक्टर अनिल बनज , सोजलिफ डॉक्टर स्नेह लता,संतोष जांगड़े सोजलिफ,विनोद कुमार कोशले सोजलिफ ने संविधान एवं समसामयिक मुद्दों पर अपनी अपनी बात रखी। कार्यक्रम का बेहतर संचालन एवं संपूर्ण व्यस्थापन प्रो.जगदीश खटकर के कुशल नेतृत्व तथा महासमुंद के सहयोगी अधिकारी कर्मचारी एवं बुद्धिजीवियों के “पे – बेक सोसायटी” के योगदानों से सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम में सबसे ज्यादा कॉलेज के स्टूडेंट शामिल रहे जो की बहुत ही गर्व की बात है। संविधान जानों कार्यशाला सह-संविधान मेला में विभिन्न जिलों से बुद्धिजीवी , वैज्ञानिक दृष्टिकोण रखने वाली चिंतकों व स्थानीय अधिकारियों कर्मचारियों तथा बैनर- पोस्टर-पंपलेट -फ्लेक्सी बहुजन साहित्य तथा कैलेंडर और बुकलेट का प्रदर्शन और बिक्री हेतु बहुजन साहित्य पुस्तक भंडार रायपुर द्वारा शानदार स्टॉल लगाया गया था जिनका भरपूर लाभ कार्यशाला में उपस्थित लोगों ने उठाया।

एड धनीराम बंजारे ने बताया कि संविधान को जानना जरूरी है,क्योंकि जानोगे तभी मानोगे। संविधान को नहीं जानने के वजह से पिछले 74 साल से इसका परिपालन सही तरीके से नहीं हुआ है,क्योंकि जिनको संविधान को रन कराने की जिम्मेदारी दी गई है,वे खुद संविधान को सीधे तरीके से स्वीकार नहीं करते।

संविधान के एक अनुच्छेद आर्टिकल 16(4) क का परिपालन केंद्र और राज्य की सरकारें पिछले 18 साल से आज तक सही नियत से नहीं की। हमने संविधान पढ़ना छोड़ दिया,तो हमारे विरोधी संविधान पढ़कर हुक्मरान बन गए। आज उसी संविधान की अपने तरीके से व्याख्या कर तरह तरह के हमारे खिलाफ षड्यंत्र कर रहे है। उदाहरण आपके सामने है – उपवर्गीकरण, क्रीमी लेयर,सरकारी नौकरी खत्म, सरकारी कंपनी का निजीकरण,कोलेजियम, लैटरल एंट्री,13 पॉइंट रोस्टर,पदोन्नति में आरक्षण निष्प्रभावी, करिया मुंडा रिपोर्ट अधूरी,मंडल कमीशन आधी अधूरी,न्यायपालिका में एक ही बिरादरी का कब्जा, बहुजन फटेहाल, मुठ्ठी भर लोग मालामाल हो रहे हैं ।