4 फीसदी महंगाई भत्ता बढ़ने पर कर्मचारी नाखुश और भी कई प्रमुख मांगे हैं जो काफी अरसे से लंबित है अपनी मांगों को लेकर 24 को सामूहिक हड़ताल करेंगे कई कर्मचारी संगठन। पढ़िए पूरी खबर की कर्मचारी अधिकारी संघ सरकार से क्यों नाराज हैं और उनकी क्या मांगे हैं।

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।। सिद्धार्थ न्यूज से नीलकांत खटकर।।

रायपुर 17 अक्टूबर 2024 । मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सरकारी कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 4 प्रतिशत बढ़ाने का ऐलान कर दिया है। इस पर विभिन्न कर्मचारी संगठनो ने नाराजगी जताते हुए कहा है की कर्मचारीयों की प्रमुख मांगों को सरकार भूल गई है और केवल डीए देकर खुश करना चाहती है जो कदापि उचित नहीं है । इन्होंने आगे कहा कि 1 जनवरी 2024 से महंगाई भत्ता दिए जाने का निर्णय लिया जाना था लेकिन ऐसा नहीं किया गया। इससे शिक्षक व कर्मचारी संघ काफी नाराज हैं। साथ ही 5 वर्षों के देय तिथि से महंगाई भत्ता की एरियर्स राशि के संबंध में अभी कोई नया निर्देश जारी नहीं हुआ है। इसके कारण कर्मचारी नाखुश हैं। इसे लेकर 24 अक्टूबर को सामूहिक अवकाश लेकर शिक्षक संघ व अन्य कर्मचारी संगठन हड़ताल में जाने का निर्णय लिया है।कर्मचारी संगठन के मनीष मिश्रा, विकास राजपूत ने कहा, दीपावली के पहले मुख्यमंत्री ने 4 प्रतिशत महंगाई भत्ता की घोषणा की है, जिनका हम स्वागत करते हैं, लेकिन शिक्षकों व कर्मचारियों को देय तिथि 1 जनवरी 2024 से महंगाई भत्ता दिए जाने का निर्णय लिया जाना था। यह निर्णय नहीं लिया गया, जिससे शिक्षक व अन्य कर्मचारी संघ काफी नाखुश हैं साथ ही 5 वर्षों के देय तिथि से महंगाई भत्ता की एरियर्स राशि के संबंध में अभी कोई नया निर्देश जारी नहीं हुआ है, जिसके कारण कर्मचारी नाराज हैं। कर्मचारी नेताओं ने कहा, 4 प्रतिशत महंगाई भत्ता दिया जाना रेगुलर डीए दिया जाना है। इसका दीपावली के पूर्व दिया जाना स्वागतेय है। शिक्षक मोर्चा का हड़ताल पूर्व सेवा गणना मिशन के तहत मोदी की गारंटी को लागू करने के लिए घोषित है। आंशिक विषय लंबित 4% मंहगाई भत्ता की घोषणा की गई है। अपनी प्रमुख मांगों की बहाली ,शासन प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराने के लिए और मुख्य विषय पर निर्णय नहीं लिए जाने को लेकर आगामी 24 अक्टूबर को प्रमुख कर्मचारी अधिकारी संगठनों ने आंदोलन में जाने का निर्णय लिया है।

ज्ञात हो की विभिन्न संघ ने पिछले कई सालों से अपनी प्रमुख मांगों को लेकर आंदोलन करते आ रहे हैं लेकिन आज पर्यंत इनकी मांगो की अनदेखी की गई है । इन्होंने बताया की राज्य के अधिकारी , कर्मचारियों तथा पैंशनरों को देय तिथि से केन्द्र के समान मंहगाई भत्ता लागू करने,समस्त तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को क्रमोन्नत, पदोन्नति एवं चार स्तरीय समय मान वेतन मान लागू करने, 2 लाख 80 हजार अनियमित दैनिक वेतन भोगी तथा आउट सोर्सिंग से कार्यरत् कर्मचारियों को नियमित करने, लिपिक एवं अन्य कर्मचारियों की वेतन विसंगति का निराकरण करने, पूर्ण पैंशन की पात्रता के लिए सेवा अवधि 25 वर्ष करनॆ, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को 1900 रु ग्रेड पे लागू करनॆ, सेवा निवृत्ति पर वेतन अवकाश नगदीकरण की सीमा 300 दिवस करनॆ, पदोन्नति के लिए वरिष्ठ एवं पात्र कर्मचारियों को शाजिश के तहत सीआर खराब लिखने वाले अधिकारियों के ख़िलाफ़ दण्डात्मक कार्यवाही करने संबंधी मांगों को लेकर पिछले समय से संघ आंदोलित हैं।

राज्य के अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन ने समय पर उनके प्रमुख मांगों का निराकरण नहीं होने से नाराजगी जताई है। राज्य के कई कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों ने विगत एक माह से शासन प्रशासन से मिलकर और ज्ञापन सौंपकर अपनी प्रमुख समस्या से अवगत कराते हुए मांगों को लागू करने की मांग की है।संघ ने शासन को‌ याद दिलाया‌ की कर्मचारियों को मोदी के गारंटी अनुसार 4% डीए की भुगतान करने , पिंगुआ कमिटी कि रिपोर्ट लागू करने, विभिन्न केडर के कर्मचारियों के वेतनमान विसंगति को दूर करने,ग्रेड पे में संशोधन करने जैसे प्रमुख मांगे हैं।चुंकि फेडरेशन के ज्ञापन पत्र पर पहले ही कहा जा चुका है कि उक्त मांग कि समाधान आचार संहिता लागू होने के पूर्व उचित कार्यवाही किया जाए परंतु अभी तक फेडरेशन के मांगों पर शासन द्वारा कोई कार्यवाही नहीं होने से समस्त अधिकारि कर्मचारियों में असंतोष व्याप्त है।

कइयों केडर के कर्मचारीयों को उनके योग्यता और प्रशिक्षण अवधि अनुसार ग्रेड पे, समान काम का समान वेतन नहीं मिल रहा है इस पर कईयों बार राज्य के लिपिक वर्ग,स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारीयों ने आंदोलन कर चुके हैं इन्हें आश्वासन के अलावा आज पर्यंत कुछ हासिल नहीं हुआ है।ग्रेड पे कम मिलने से कई कर्मचारी संगठनों में रोष व्याप्त हैं। राज्य सरकार के ढाई साल कार्यकाल के बाद भी कर्मचारियों की वेतन विसंगति,ग्रेड पे असमानता जैसे प्रमुख मागों पर गौर नहीं करने से उनमें नाराजगी व्याप्त हैं।ये कर्मचारी संघ पिछले दो दशक से अपने हक अधिकार के लिए आंदोलनरत हैं।

राज्य सरकार के लिपिक वर्ग,राजस्व विभाग ,महिला एवं बाल विकास विभाग व स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों में ग्रेड पे को लेकर सबसे ज्यादा नाराजगी हैं । स्वास्थ्य विभाग के आर एच ओ,सुपरवाइजर, स्टॉफ नर्स हैं इनका कहना है की अपने ही विभाग के कम अवधि में प्रशिक्षण प्राप्त कर्मचारियों को ज्यादा ग्रेड पे देय है जबकि इन्हें अधिक साल का कोर्स करने के बाद भी कम ग्रेड पे दिया जा रहा है।इसके लिए इस कर्मचारी संगठनों ने 2018 में करीब 20 – 20 दिन का आंदोलन किया था सरकार से आश्वासन मिलने पर आंदोलन स्थगित किया था लेकिन समस्या आज भी बरकरार है।स्टॉफ नर्स संघ ने अपने 4600 ग्रेड पे और पदनाम परिवर्तन नर्सिंग ऑफिसर को लेकर हर 2 साल में हड़ताल करते आ रहे हैं फिर भी इनकी मांगों की अनदेखी की जा रही है। वहीं स्वास्थ्य विभाग के आर एच ओ, लिपिक वर्ग के कर्मचारी सहित अन्य समान केडर के कर्मचारीयों ने 2800 रू ग्रेड पे प्रदान करने की मांग कर रहे हैं।

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