जाति जनगणना कराओ, जाति आधारित आरक्षण के जनवादी अधिकार को खत्म करने के कदम के विरोध में 21अगस्त के भारत बंद को पुरजोर तरीके से सफल बनाने CAM ने की अपील।

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।। सिध्दार्थ न्यूज से नीलकांत खटकर।।

नई दिल्ली 20 अगस्त 2024 । जाति उन्मूलन आंदोलन( CAM ) संयोजक मंडल की ओर से बंडू मेश्राम, एम के दासन,तुहिन ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया की जाति उन्मूलन आंदोलन के समस्त संघठन जाति आधारित आरक्षण को एक संवैधानिक जनवादी अधिकार के रूप में मजबूती से ऊंचा उठाएंगे ,इस पर होने वाले किसी भी हमले का प्रतिरोध करेगा।जाति उन्मूलन आंदोलन का मानना है कि आरक्षण कोई आर्थिक उत्थान या गरीबी उन्मूलन का एजेंडा नहीं है।सदियों से दलितों/ उत्पीड़ित जनता के खिलाफ हुए अत्याचार के खिलाफ सामाजिक न्याय की अवधारणा से प्रेरित एक सामाजिक प्रतिनिधित्व का मुद्दा है।इसीलिए ईडब्ल्यूएस (आर्थिक रूप से कमजोर सवर्ण) जैसे कदमों को जो जाति आधारित आरक्षण को लघु करने/ संकुचित करने की कोशिश का इन्होंने पुरजोर विरोध किया है तथा 21अगस्त के भारत बंध को पुरजोर तरीके से सफल बनाने की अपील की है। इन्होंने आगे कहा की हम जाति आधारित आरक्षण को खत्म करने के उपरोक्त प्रयासों का विरोध करने के साथ साथ मलाईदार हिस्से ( क्रीमी लेयर) की प्रस्तुत अवधारणा का भी शिद्दत से विरोध करते हैं जो एक प्रकार से जाति आधारित आरक्षण पर बड़ी चोट करने की साजिश है।

जाति उन्मूलन आंदोलन के अनुसार, अब सभी जाति-विरोधी लोकतांत्रिक ताकतों के लिए आरएसएस के नेतृत्व में संघी मनुवादी ताकतों और उनके सहयोगियों के दोहरे खेल को समझने का समय आ गया है। जो एक तरफ सुप्रीम कोर्ट के उप-जाति फैसले का समर्थन करते हैं, और दूसरी ओर, जाति जनगणना के माध्यम से जाति पर ठोस और साक्ष्य-आधारित आंकड़े एकत्र करने और उसे सार्वजनिक रूप से जारी करने के विरोधी हैं या अनिच्छुक हैं। इस कदम के माध्यम से फासीवादी शासक वर्गों का इरादा एससी/एसटी आरक्षण को कमजोर करना है और एससी, एसटी, ओबीसी व अल्पसंख्यक उत्पीड़ित जातियों के भीतर भ्रम पैदा कर और उनके बीच फूट को मजबूत करना है। यह केवल सर्वाधिक उत्पीड़ित वर्गों की आंखों में धूल झोंकने के लिए है। उदाहरण के लिए, उप-जाति आरक्षण के समर्थक, जो आज देश की सत्ता को नियंत्रित करते हैं, अभी भी हाशिए पर रहने वालों और वंचित समुदायों के कल्याण के लिए इच्छित धन को दूसरे मद में प्रवाहित करने के उद्देश्य से 2011 में सामाजिक आर्थिक और जाति जनगणना के माध्यम से एकत्र किए गए आंकड़ों को प्रदर्शित करने से रोक रहे हैं।

इस संदर्भ में जाति-उन्मूलन/ विनाश के परिप्रेक्ष्य को मजबूती से कायम रखते हुए और जल्द से जल्द अखिल भारतीय जाति जनगणना की मांग को मजबूती से आगे बढ़ाते हुए,जाति आधारित आरक्षण को एक जनवादी अधिकार के रूप में मजबूती से ऊंचा उठाकर और दलित समुदाय के सबसे उत्पीड़ित और वंचित हिस्सों के साथ एकजुटता से खड़े होने की अटूट राजनीतिक इच्छाशक्ति के साथ, जाति उन्मूलन आंदोलन ( Caste Annihilation Movement CAM) ने देश भर में अपने राज्य स्तरीय शाखाओं और समान विचारधारा वाले जन संगठनों के साथ जाति के उप-वर्गीकरण के मुद्दे पर 21 अगस्त को मूल निवासी बहुजन संगठनों द्वारा घोषित भारत बंद का तहेदिल से समर्थन करने का निर्णय लिया है।साथ ही जाति उन्मूलन आंदोलन 21 अगस्त को घोषित भारत बंद को बड़े पैमाने पर सफल बनाने के लिए तमाम प्रगतिशील धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक ताकतों से अपील किया है।

 

 

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