Home बड़ी खबर कांवरियों का जत्था भवानीपुर से चंद्रभागा उड़ीसा के लिए रवाना लिंगराज महादेव में करेंगे जल अभिषेक

कांवरियों का जत्था भवानीपुर से चंद्रभागा उड़ीसा के लिए रवाना लिंगराज महादेव में करेंगे जल अभिषेक

कांवरियों का जत्था भवानीपुर से चंद्रभागा उड़ीसा के लिए रवाना लिंगराज महादेव में करेंगे जल अभिषेक

जिला ब्यूरो चीफ/तोषन प्रसाद चौबे/सिद्धार्थ न्यूज़

विकासखंड पलारी अंतर्गत ग्राम पंचायत भवानीपुर के कांवरियों का जत्था सोमवार रात्रि उड़ीसा चंद्रभागा के लिए रवाना हुए प्राप्त जानकारी अनुसार भवानीपुर से 55 कांवरियों का जत्था भगवान शिव जी की कीर्तन भजन एवं झांकी दिखाते हुए
चंद्रभागा के लिए रवाना हुआ है ।वहां के कुंड से जल उठाकर लिंगराज महादेव में जल अभिषेक करेंगे कांवरियों ने बताया कि हर साल उनका जत्था एक नए मंदिर का चयन करते हैं जिसमें वह जल चढ़ाने के लिए जाते हर मंदिर का एक अलग ही महत्व और कहानी होती है जिसे हम सदियों से वेद पुराणों में पढ़ते और सुनते आए हैं कांवरिया द्वारा चंद्रभागा की कुंड से विधि पूर्वक पूजा अर्चना कर जल लेकर कोणार्क मंदिर जगन्नाथ पुरी होते हुए रवाना होंगे और लिंगराज महादेव में जाकर जल अभिषेक करेंगे लिंगराज मंदिर भारत के ओडिशा प्रांत की राजधानी भुवनेश्वर में स्थित है यह भुवनेश्वर का मुख्य मन्दिर है तथा इस नगर के प्राचीनतम मंदिरों में से एक है यह भगवान त्रिभुवनेश्वर (शिव) को समर्पित है इसे ययाति केशरी ने 11वीं शताब्दी में बनवाया था यद्यपि इस मंदिर का वर्तमान स्वरूप 12वीं शताब्दी में बना, किंतु इसके कुछ हिस्से 1400 वर्ष से भी अधिक पुराने हैं। इस मंदिर का वर्णन छठी शताब्दी के लेखों में भी आता है मंदिर की मान्यता से जुड़ी धार्मिक कथा है कि लिट्टी तथा वसा नाम के दो भयंकर राक्षसों का वध देवी पार्वती ने यहीं पर किया था। संग्राम के बाद उन्हें प्यास लगी तो शिवजी ने कूप बनाकर सभी पवित्र नदियों को योगदान के लिए बुलाया। यहीं पर बिन्दु सागर सरोवर है तथा उसके निकट ही लिंगराज का विशालकाय मन्दिर है सैकड़ों वर्षों से भुवनेश्वर यहीं पूर्वोत्तर भारत में शैव सम्प्रदाय का मुख्य केन्द्र रहा है। कहते हैं कि मध्ययुग में यहाँ सात हजार से अधिक मन्दिर और पूजास्थल थे, जिनमें से अब लगभग पाँच सौ ही शेष बचे हैं। कांवरिया की टोली भगवान शिव पार्वती गणेश कार्तिकेय की कीर्तन भजन करते हुए एवं झांकी दिखाते हुए निकले हैं जिस जगह-जगह उनका आदर सत्कार किया जा रहा है जिसमें सुशील निषाद धनेश्वर निषाद ओम प्रकाश साहू शोभा साहू रवि साहू रवि शंकर निषाद नारायण ध्रुव राशन साहू देवराज साहू पप्पू साहू पूनम साहू दीपक ध्रुव संजय साहू योगेश वैष्णव राजकुमार निषाद ओमू साहू टीकाराम निषाद मोनू ध्रुव सेवक ध्रुव नेतराम यादव युवराज साहू तमराज ध्रुव पुरुषोत्तम साहू पवन साहू हरबंस कमल वरुण साहू तुंगनाथ तरुण ध्रुव दिनेश साहू लोकेश्वर ध्रुव ऋतिक कमल धर्म ध्रुव ललित साहू विजय ध्रुव दिनेश निषाद चेतन साहू फनी साहू राजा यादव तिलेश्वर विश्वकर्मा गंधेश्वर विश्वकर्मा बसंत ध्रुव मोहन निषाद अरुण साहू आदि शामिल हैं।