।। सिध्दार्थ न्यूज से नीलकांत खटकर।।
रायपुर / बिलासपुर 05 अगस्त 2024 । ऐसे तो प्रदेश में किसी भी विभाग में शासन ने संलग्नीकरण नहीं करने सभी विभाग को निर्देश दिया है लेकिन राज्य स्तर के मंत्रियों ने मौखिक तौर पर और विभागीय बैठक में यह भी कहा गया है जरूरी हों पर जिस विभाग के संस्था ,कार्यालय में स्टॉफ की कमी है कार्य प्रभावित हो रहा हो वहां अधिकारी कर्मचारी को संलग्न किया जावेँ ताकि शासन प्रशासन की योजनाओं को सफलता पूर्वक सुचारू रूप से संचालन किया जा सकें। विभागीय सूत्रों ने बताया की कई बार अधिकारी कर्मचारी की समस्याओं को देखते हुए राज्य के मंत्री ,विधायक के अनुसंशा,अनुमोदन पर विभाग के संभागीय अधिकारी जिला अधिकारी को आगामी कार्य आदेश तक अस्थाई तौर पर संलग्न करने के निर्देश दिया जाता है इसी तारतम्य व निर्देश में संलग्न किया जाता है।आपको बता दें कि स्वास्थ्य विभाग,शिक्षा विभाग,कृषि विभाग,राजस्व विभाग सहित अन्य कई महत्वपूर्ण विभाग है जहां पर स्टॉफ की कमी से कार्य प्रभावित होता है वहां जिला अधिकारी,ब्लॉक अधिकारी ही कर्मचारियों को एक स्थान से दूसरे स्थान मजबूरी में भेजते हैं। लंबे अरसे से सभी विभाग में पद खाली पड़े हैं शासन को इन पदों को भरने संभागीय व जिला अधिकारी द्वारा रिक्त पदों को भरने कई बार पत्राचार किया गया है इसके बावजूद अब तक पद भरा नहीं जा सका है।
स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर बताया की संलग्निकरण को समाप्त करने पिछले समय राज्य सरकार के तरफ से निर्देश दिए गए थे उसका पालन किया जा चुका है कर्मचारियों को उनके मूल कार्यस्थल पर भेजा जा चुका है। कई बार किसी अधिकारी कर्मचारी की पारिवारिक समस्याएं होती है जो मंत्री,विधायक से अनुमोदन प्राप्त कर संभागीय अधिकारी के निर्देश दिए जानें पर संबंधित अधिकारी, कर्मचारी की समस्याओं पर सहानुभूति पूर्वक विचार करते हुए हमें आगामी आदेश तक कार्य करने का निर्देश देते हैं हमें उच्चाधिकारियों के निर्देश का पालन करना होता है। अभी बारिश का समय है डायरिया,मलेरिया,वायरल फीवर जैसी बीमारियां से पीड़ित मरीज सरकारी अस्पताल पहुंच रहें हैं इधर स्वास्थ्य विभाग के अस्पतालों में कर्मचारियों की कमी है जिस अस्पताल में पेशेंट ज्यादा है और वहां अमले कम पड़ रहे हैं व कार्य प्रभावित हो रहा है वहां कर्मचारियों को भेजकर कार्य को सुचारू ढंग से सफल संचालन किया जाता है ।इस पर विरोध जताना किसी के द्वारा गलत है, अनुचित है कहना ठीक नहीं है हमें अभी मरीज की परवाह करना है उनकी किसी भी तरह से जान बचानी पहली प्राथमिकता होती है। वहीं शासन के कई योजनाओं को सफल करने का भी दबाव होता है इसके लिए अमलों की जरूरत होती है।
इधर शहरी सूत्रों से मिली है की अनुसार शहरों के अस्पतालों,शिक्षा विभाग,राजस्व विभाग,नगरीय प्रशासन विभाग,रजिस्ट्री कार्यालय, कृषि विभाग, आदिम जाति कल्याण विभाग,अंत्योदय विभाग , मत्तस्य विभाग,सहकारिता विभाग,पंचायत विभाग के अधिकारी कर्मचारी जो गांवों में पदस्थ हैं वे शहर आ गए हैं और जरूरत से अधिक पद पर अतिशेष हैं उन्हें ग्रामीण क्षेत्रों में भेजा जाना चाहिए ताकि गांवों में शासन की योजनाओं को सफल बनाया जा सके।