Home बड़ी खबर जब स्टेज में भीम आर्मी के प्रदेशाध्यक्ष के पिता रोने लगे तब भीम आर्मी चीफ ने पोंछे आंसू। निर्दोषों की रिहाई नहीं होगी तो जल्द करेंगे छत्तीसगढ़ में बड़ा आंदोलन।

जब स्टेज में भीम आर्मी के प्रदेशाध्यक्ष के पिता रोने लगे तब भीम आर्मी चीफ ने पोंछे आंसू। निर्दोषों की रिहाई नहीं होगी तो जल्द करेंगे छत्तीसगढ़ में बड़ा आंदोलन।

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जब स्टेज में भीम आर्मी के प्रदेशाध्यक्ष के पिता रोने लगे तब भीम आर्मी चीफ ने पोंछे आंसू। निर्दोषों की रिहाई नहीं होगी तो जल्द करेंगे छत्तीसगढ़ में बड़ा आंदोलन।

।। सिद्धार्थ न्यूज से नीलकांत खटकर।।

सारंगढ़/भटगांव 04 जुलाई 2024 । भटगांव नगर में भीम आर्मी चीफ और नगीना के सांसद चंद्रशेखर आजाद का कार्यक्रम का आयोजन था। जनसभा कार्यक्रम में पहुंचने पर भीम आर्मी एवं सतनामी समाज के पदाधिकारीयों ने ताली बजाकर उनका जोशीला स्वागत किया। इसी दौरान भीम आर्मी के प्रदेश अध्यक्ष राजकुमार जांगड़े के पिता जब अपने बेटे का दर्द बता कर रोने लगे और कहा की वह निर्दोष है पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है तब उनके आंसू पूछते हुए भीम आर्मी के चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि क्रांतिकारी नेताओं के पिता रोते नहीं हैं मैं आपसे वादा करता हूं आपके बेटे के साथ अन्याय नहीं होने दूंगा। किसी के साथ भी आर्मी के अन्य पदाधिकारी जो बलौदा बाजार हिंसा और आगजनी कांड में जेल में बंद है उनके परिजनों से एक-एक कर मुलाकात की और सभी से वादा किया कि उनके बेटे के साथ अन्याय नहीं होने देंगे । भीम आर्मी चीफ ने सीएम से मांगा जवाब

भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद ने सभा को संबोधित करते हुए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से जवाब मांगा उन्होंने मंच के माध्यम से कहा कि निर्दोषों को कब तक इस प्रकार से प्रताड़ित करते रहेंगे अगर आप सच है तो सीबीआई जांच करवाइए दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा। हमें जवाब चाहिए हमारे लोग जो बाबा गुरु घासीदास को मानने वाले हैं शांति का प्रतीक है उन पर कार्यवाही क्यों किया जा रहा है । जब से अमर गुफा में को क्षतिग्रस्त किया है तब से सतनामी समाज के द्वारा सिर्फ और सिर्फ न्याय की गुहार लगाते हुए सीबीआई जांच की मांग की जा रही थी लेकिन एक माह बीत जाने के बाद भी सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया इसके बाद आंदोलन करना पड़ा। उस आंदोलन में सतनामी समाज की आड़ में कुछ असामाजिक तत्वों ने जो तोड़फोड़ किया है वह निंदनीय है लेकिन जो सच में आरोपी है उन पर कार्यवाही करें और निर्दोषों को बिना शर्त के रिहा करें ।

जल्द करेंगे छत्तीसगढ़ में बड़ा आंदोलन: चंद्र शेखर

नगीना के सांसद चंद्रशेखर आजाद ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि मुझे 10 दिनों का समय दे दीजिए मैं दिल्ली जाकर देश के गृह मंत्री से चर्चा करूंगा और निर्दोषों पर हुई कार्यवाही को लेकर उनकी रिहाई की मांग करूंगा। अगर सरकार निर्दोषों को रिहा नहीं करेगी तो इसी माह में छत्तीसगढ़ में भीम आर्मी के द्वारा बड़ा आंदोलन किया जाएगा। भीम आर्मी चीफ ने आगे कहा कि मैं स्वयं ही गांव गांव जाकर प्रचार करूंगा मेरे एक आवाज में यहां तीन से पांच हजार लोग उपस्थित हुए हैं तो सरकार समझ ले कि मैं इसका छत्तीसगढ़ में रहकर प्रचार करूंगा तो कितने लोग छत्तीसगढ़ सरकार के खिलाफ होकर आंदोलन करेंगे ।

समाज को बदनाम करने का षड्यंत्र है यह हिंसा

चंद्रशेखर ने कहा कि, जो संविधान को मानने वाले हैं, वो कभी हिंसा का सहारा नहीं लेते हैं। ये जिस दिन इकठ्‌ठा हुए थे, अपनी बात को कहने के लिए हुए थे। लेकिन इस भीड़ में असामाजिक तत्वों ने इसे अंजाम दिया। इस समाज को बदनाम करने के लिए षड्यंत्र किया। सरकार ने इसकी तह में जाना उचित नहीं समझा बल्कि सरकार ने समाज के लोगों को टारगेट करने का काम किया। उनको जेल भेजा। उन्होंने कहा कि, क्या हमें नहीं पता कि आंदोलन को कैसे कुचला जाता है। उसे कैसे बदनाम किया जाता है। आपको क्या लगता है कि हम डर जाएंगे, हम छिप जाएंगे। हमारे प्रदेश अध्यक्ष राजकुमार जांगड़े बीमार थे। किसी तरह वे ठीक हुए। प्रशासन को जैसे ही पता चला कि मैं यहां आने वाला हूं तो राजकुमार को पकड़ लिया। उन्हें पीटा गया और जेल भेज दिया।सरकार अगर गुंडागर्दी, तानाशाही पर उतर आई है, अगर वो सतनामी समाज को कुचलने पर उतर आई है तो चेतावनी है कि करो मुकाबला, हम करेंगे।

सरकार दोषियों को बचा रही

इससे पहले चंद्रशेखर ने राजभवन पहुंचकर राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन से भी मुलाकात की। इसके बाद मीडिया से चंद्रशेखर ने कहा कि, बलौदाबाजार की घटना निंदनीय है। मैं भी यह मांग करता हूं कि उसमें सख्त कार्रवाई हो, लेकिन जिन्होंने अपराध किया है, उनके ऊपर ही हो। अपराध तब तक साबित नहीं होता है, जब तक उसकी जांच न हो।निर्दोष लोगों पर कार्रवाई करके दोषियों को बचाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि, यह जानबूझकर किया गया षड्यंत्र है। ऐसा क्यों होता है कि घटना में कुछ ही फाइल है जलती है। बाहर के पोर्शन में आग नहीं लगती। इस मामले में उलझाकर प्रदेश में गंभीर जो मामले चल रहे हैं, उनमें पर्दा हटाने का जो इंतजाम चल रहा है, वह नहीं चलेगा। इस बात का जवाब देना पड़ेगा।

जांच से पहले ही समाज के लोगों पर की जा रही हिंसा*

सांसद ने कहा कि, जांच के लिए न्यायिक कमेटी बनाई गई है, उसने 3 माह का समय मांगा है। उससे पहले ही सतनामी समाज के लोगों पर हिंसा की जा रही है। उन्हें पकड़ा जा रहा है, पीटा जा रहा है। उनकी खाल उतारी जा रही है, उन्हें जेल भेजा जा रहा है। ऐसा लगता है की समाज से कोई पुरानी रंजिश हो ऐसा उनके साथ व्यवहार किया जा रहा है। चंद्रशेखर ने कहा कि, बलौदाबाजार में हुई हिंसा की घटना सोची-समझी साजिश है। लगातार समाज के युवाओं को टारगेट किया जा रहा है जो समाज के लिए काम कर रहे हैं, उन्हें ही जेल में बंद किया जा रहा है। यह पुलिस और प्रशासन का फेलियर है। जिन फाइलों में आग लगी वह किनकी है। किसे बचाया जा रहा है। यह बात हम नहीं समझ रहे हैं। उन्होंने कहा कि, मनखे-मनखे एक समान का नारा देने वाले गुरु घासीदास ने कभी हिंसा का रास्ता नहीं दिया है। सतनामी समाज के लोगों को हिंसक साबित करने के लिए जो सरकार लगी हुई है। एडमिनिस्ट्रेशन और पुलिस लगी हुई है यह किसी भी सूरत में बर्दाश्त करने योग्य नहीं है।

जो अपने मुद्दे पर मुखर हैं, उनकी आवाज दबा रहे

चंद्रशेखर ने कहा कि, उन्होंने राज्यपाल से मुलाकात कर अपनी बात रखी है। मैंने उनसे कहा है कि वह सरकार से जवाब तलब करें। अगर उसके बाद भी कार्रवाई नहीं होती है, अगर ये सब नहीं रुकता है तो देश-व्यापी आंदोलन होगा। इस घटना के बाद सतनामी समाज को भी एहसास हो गया है कि उनका अपना कौन है और उनसे वोट की इच्छा रखने वाला या वोट के आधार पर उन्हें अपना कहने वाला कौन हैं। राज्यपाल कमजोर वर्ग के लोगों का संरक्षण करें। मैंने यह महसूस किया है यहां पिछड़ा वर्ग मूल रूप से संगठित नहीं है और शेड्यूल कास्ट के लोग जो बड़े पैमाने में सतनामी समाज से जुड़े हुए हैं। वह जब अपने मुद्दे से मुखर होते हैं तो उनकी आवाज दबाने के लिए यह सब चीज की जा रही हैं।

इस मामले में जांच हो, कार्रवाई हो, लेकिन दोषियों की आड़ में भीम आर्मी या अन्य सामाजिक संगठन या सतनामी समाज के लोगों का उत्पीड़न किया जाएगा तो हम इसकी आवास को दिल्ली में उठाएंगे। दिल्ली में गृहमंत्री, छत्तीसगढ़ भवन का घेराव करेंगे। हम किसी भी कीमत पर चुप नहीं बैठेंगे।चंद्रशेखर ने कहा कि सरकार सबकी है। समाज के लोगों को टारगेट करके उनकी जबान दबाने का काम करेगी तो हम लोग चुप नहीं रहेंगे। प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर पर हम मजबूत आंदोलन करेंगे। अगर सरकार इतनी गंभीर है तो यह घटना कैसे हो गई। यहां इंटेलिजेंस है। पुलिस क्या कर रही थी। एडमिनिस्ट्रेशन तमाशा देखने के लिए तनख्वाह लेने के लिए बैठा हुआ था। वे मौके पर जाकर हालत संभालते। संभालने का प्रयास करते। उन्होंने क्या किया दफ्तर छोड़ छोड़ कर भाग गए। यह सब एक साजिश है।