Home बड़ी खबर दुःखद समाचार* *आचार्य पं. श्री डॉ. सुरेन्द्र कुमार द्विवेदी जी (ग्राम : ढेलवाडीह) हुए पंचतत्व में विलीन*

दुःखद समाचार* *आचार्य पं. श्री डॉ. सुरेन्द्र कुमार द्विवेदी जी (ग्राम : ढेलवाडीह) हुए पंचतत्व में विलीन*

दुःखद समाचार*  *आचार्य पं. श्री डॉ. सुरेन्द्र कुमार द्विवेदी जी (ग्राम : ढेलवाडीह) हुए पंचतत्व में विलीन*

रिपोर्टर/तोषन प्रसाद चौबे/सिध्दार्ध न्यूज़
*कोरबा : आचार्य पं. श्री डॉ. सुरेन्द्र कुमार द्विवेदी जी (उम्र : 58 वर्ष) पेशे से एक चिकित्सक, समाजसेवी, लेखक व आचार्य (मानस मर्मज्ञ) थे, जिनका दिनांक 13.06.2024, ज्येष्ठ शुक्ल-०७ (गुरूवार) को सुबह 11:50 बजे आकस्मिक स्वर्गवास हो गया है.*

*वे CBK EV MOTORS PVT LTD के M.D. & CBK TECHNOLOGIES PVT LTD के C.E.O. लोकेश द्विवेदी व श्री राम अर्थ मूवर्स & ट्रांसपोर्ट के Owner राकेश द्विवेदी के पिता थे.*

*समाज के प्रति योगदान*

*आचार्य पं. श्री डॉ. सुरेन्द्र कुमार द्विवेदी जी चिकित्सकीय कार्य के अलावा अपने पिता स्व. आचार्य पं. श्री बालकृष्ण द्विवेदी जी (मानस मर्मज्ञ) की तरह ही धार्मिक अनुष्ठान कार्यों में सक्रिय थे. वे बड़े ही अध्यात्मिक थे. वे श्री रामचरितमानस व श्रीमद्भागवत के सरस प्रवक्ता भी थे. पूज्य स्वामी श्री रामकिंकर जी महाराज के अध्यात्मिक श्री राम कथा का वे सदैव प्रचार करते रहे. इसके अलावा उन्होंने विभिन्न सामाजिक व धार्मिक कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और कई महत्वपूर्ण समाज उत्थान संबंधी विभिन्न कार्यों में अपना योगदान दिया.*

*महज ₹ 1 धन व तुलसी द्रव्य का दक्षिणा लेकर व्यासपीठ पर बैठने वाले डॉ. द्विवेदी जी सदैव राष्ट्र, धर्म व समाजसेवा में समर्पित थे. इनकी क्षति पूरे ब्राह्मण समाज के लिए अपूर्णीय है.*

*उनके स्वर्गवास होने की खबर मिलते ही पूरे परिवार, यजमान, मित्र और समाज के लोग शोक में डूब गये.*

*शोक संवेदनायें की प्रकट*

*इस कठिन समय में हम प्रार्थना करते हैं कि ईश्वर पूरे परिवार को इस अपार दुःख को सहने की शक्ति प्रदान करें. समाज के अनेक गणमान्य व्यक्तियों ने भी अपनी शोक संवेदनाएँ प्रकट की हैं और आचार्य पं. श्री डॉ. सुरेन्द्र कुमार द्विवेदी जी की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की है.*

*श्रद्धांजलि*

*आचार्य पं. श्री डॉ. सुरेन्द्र कुमार द्विवेदी जी का जाना समाज के लिए एक बड़ी क्षति है. उनकी यादें हमेशा उनके प्रियजनों और समाज के लोगों के दिलों में जीवित रहेंगी. उनकी समाज सेवा, उनकी सादगी और उनके समर्पण की कहानियाँ हमेशा प्रेरणा देती रहेंगी.*

*ॐ शांति…*