।। सिद्धार्थ न्यूज से नीलकांत खटकर।।
रायपुर/ बिलासपुर 17 जून 2024 । सोजलिफ ( सोशल जस्टिस लीगल फाऊंडेशन) के विनोद कुमार ने बताया की छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय बिलासपुर द्वारा WPS 9778/ 2019 एवं अन्य मामले में आए निर्णय दिनांक 16.4.2024 के पालन के संबंध में GAD द्वारा सभी विभागों को पत्र जारी किया गया है।कतिपय न्यूज एजेंसियों के द्वारा इस आदेश को पदोन्नति में आरक्षण खत्म होने वाला आदेश परिभाषित किया जा रहा है, जबकि ऐसा नहीं है। उन्होंने पुनःयाद दिलाना कि माननीय उच्च न्यायालय छत्तीसगढ़ बिलासपुर WPS 9778/ 2019 एवं अन्य चार कनेक्ट मामले में दिनांक 16.04.24 के फैसले की पैराग्राफ 32 में राज्य सरकार को प्रमोशन में आरक्षण अधिसूचित करने हेतु माननीय सुप्रीम कोर्ट के विभिन्न निर्णय एम नागराज प्रकरण 2006,जरनैल सिंह प्रथम प्रकरण 2018, बी के पवित्र द्वितीय प्रकरण 2019 एवं जरनैल सिंह प्रकरण 2022 के परिपालन करते हुए रिवर्क/ रिफ्रेम करने 3 माह का समय दिया है। हालांकि पदोन्नति के संबंध में पूर्व में जारी अधिसूचना सूचना दिनांक 22.10.2019 को माननीय उच्च न्यायालय ने अमान्य किया है,चूंकि WPS 9778/ 2019 मामले में इसी अधिसूचना नियम 5 को चैलेंज किया गया था।
अवगत हो कि दिनांक 22 /10/ 19 अधिसूचना में छत्तीसगढ़ शासन सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा नए नियम 5 प्रतिस्थापित किया गया था, जिसके अंतर्गत अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए 32% एवं अनुसूचित जाति वर्ग के लिए 13% पदोन्नति के पदों में आरक्षण जारी रखते हुए 100 बिंदु रोस्टर का प्रावधान कर प्रतिस्थापित किया गया था। WPS 9778/2019 में माननीय उच्च न्यायालय छत्तीसगढ़ बिलासपुर द्वारा दिनांक 16/04/24 में दिए गए निर्णय अनुसार इस अधिसूचना को जारी करने के पहले छत्तीसगढ़ शासन द्वारा सुप्रीम कोर्ट में आए विभिन्न निर्णय के परिपालन में कानूनी अभ्यास में कमी थी। यदि निर्णय के विस्तृत अध्ययन करेंगे तो पाएंगे कि डिवीजन बेंच ने तत्कालीन महाधिवक्ता द्वारा कोर्ट में नियम बनाने के संबंध में चूक स्वीकारने की बात को बार-बार रेखांकित किया है।
इस मामले को विनोद कुमार पुनः स्पष्ट किया है कि भारत के संविधान में अनुच्छेद 16 4 A एवं B जीवित है,अर्थात पदोन्नति में आरक्षण हेतु उपबंध जिंदा है। सुप्रीम कोर्ट ने भी एससी,एसटी वर्ग को परिणामी वरिष्ठता प्रदान करने संबंधित 85 वा संविधान संशोधन एवं पदोन्नति आरक्षण जारी रखने हेतु किए गए 77वां संविधान संशोधन की संवैधानिक वैद्यता को बरकरार रखा है। इस आधार पर कोई यह नहीं कह सकता की पदोन्नति में आरक्षण खत्म हो गया है।
सामान्य प्रशासन विभाग का पत्र आदेश दिनांक 14/0 6/2024 की पूर्ण जानकारी- सामान्य प्रशासन विभाग ने अपने आदेश में पदोन्नति में आरक्षण क संबंध में छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय बिलासपुर द्वारा WPS 9778/ 2019 एवम अन्य मामले में आए निर्णय का पालन करने कहा है। इस आदेश में विभाग द्वारा पूर्व में जारी पत्र दिनांक 23/ 12/2019 एवं 17/02 /2020 का उल्लेख करते हुए इसे निरस्त करने का जिक्र किया है। अवगत होना चाहेंगे कि सामान्य प्रशासन विभाग की आदेश दिनांक 23/12/2019 में माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर WPS 9778 /2019 में जारी अंतरिम आदेश 09/12/19 का पालन करने का जिक्र था एवं इसी विभाग द्वारा जारी आदेश दिनांक 17/02/ 2020 में माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर के द्वारा पारित अंतिरम आदेश दिनांक 08/012020 का पालन करने का जिक्र है ।
उक्त दोनों आदेश सभी विभागों को जारी किया गया था। ज्ञात हो कि माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर द्वारा पारित अंतरिम आदेश दिनांक 09/12/2019 में पदोन्नति में आरक्षण को स्टे प्रदान किया गया था, एवं दिनांक 08 /01/2020 के अंतरिम आदेश में हस्तक्षेप कर्ताओं द्वारा पूर्व के पारित अंतरिम आदेश को मोडिफिकेशन करने के संबंध में मांगे गए रिलीफ से संबंधित था। इन दोनों निर्णय के आधार पर सभी विभाग नियमित पदोन्नति बीते 4 वर्षों तक किए।लेकिन यह भी विधि सम्मत नही था। चूंकि अब सामान्य प्रशासन विभाग ने पूर्व में जारी उन दोनों आदेश को निरस्त कर दिया है, जिसके आधार पर लगातार बिना आरक्षण के नियमित पदोन्नति कर रहे थे।छत्तीसगढ़ सामान्य प्रशासन विभाग नियम शाखा के आदेश दिनांक 14/ 06/ 2024 में समस्त विभागों को समय-समय पर जारी आदेश निर्देश का पालन करने पत्र प्रेषित किया गया है।अब आगे पदोन्नति के संबंध में कोई स्पष्ट दिशा निर्देश नहीं है। पदोन्नति देने के लिए शासन को स्पष्ट नियम/पत्र/परिपत्र जारी करना होगा।