।। सिद्धार्थ न्यूज से नीलकांत खटकर।।
रायपुर/ बलौदाबाजार 14 जून 2024 । बीते दिनों राज्य के बलौदाबाजार जिले में टूटे जैतखाम को लेकर एक बड़ी हिंसा हो गई और यह भयानक तुल पकड़ लिया ।इस हिंसा की हर कोई निंदा कर रहा है और सबके मन में सवाल उठ रहा है कि इतनी शान्ति क्षेत्र में अशांति के लिए किसने भड़काया। इस हिंसा के दौरान कई दर्जन गाड़ियों में तोड़फोड़, संयुक्त कलेक्टर कार्यालय में आगजनी जैसी घटनाएं हुई । इस पर तरह तरह की बातें सामने आ रही हैं।सतनामी समाज के दोनों पार्टियों के विधायकों ने भी साफ कह दिया है कि हमारे समाज के लोग शांति प्रिय हैं वे ऐसा कदापि नहीं कर सकते वहीं बहुजन समाज पार्टी कार्यालय ने भी प्रेस विज्ञप्ति जारी कर शासन प्रशासन से कहा की अपनी नाकामियों को छिपाने एवं कामयाबी दिखाने के चक्कर में कहीं निर्दोष लोगों को जबरदस्ती मुजरिम न बनाएं। इस घटना और हिंसा के पीछे किसी अन्य का हाथ होने की बात करते हुए घटना की सूक्ष्म और निष्पक्ष जांच की मांग की है।
इस बड़ी हिंसा के मद्देनजर राज्य सरकार ने यहां पदस्थ कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक को सस्पेंड करते हुए अन्यत्र भेज दिए गए। कई संगठनों के पदाधिकारियों, लोगों को हिरासत में लिया गया है उनसे पुलिस और जांच टीम पूछताछ कर रही है की घटना कैसे हुई कौन कौन शामिल थे।इसी बीच घटना में कुछ तस्वीर मिली है जो बेहद ही संदेहास्पद लग रही है तस्वीर में कई युवक गले में भगवा गमछा लगाए दिख रहे हैं जिनकी संख्या बड़ी तादात में है जो घटना को अंजाम दे रहे हैं और किसी से मोबाइल से बातें कर रहे हैं जो यह लोगों के बीच आम चर्चा व जांच का विषय बना हुआ है।ये भगवा गमछा वाले कौन हैं इसकी जांच पड़ताल कर समाज के लोगों ने कार्यवाही की मांग की है। इधर एडिटर इन चीफ को जानकारी मिल रही है की हिरासत में रखे हुए युवकों से कबूल कराने खूब मारपीट की जा रही है जिसकी हम तस्वीर भी आपको दिखा रहें हैं। इधर सतनामी सामाज के लोगों ने राज्य सरकार द्वारा 13 जून 2024 को जारी अधिसूचना के बारे में कहा की यदि यह अधिसूचना धरना प्रदर्शन के पूर्व ही जारी किया होता तो यह हादसा टल जाता। इधर भाजपा के सूत्रों के हवालें से जानकारी मिली है की यह कांग्रेस पार्टी द्वारा किया गया कृत्य है वहीं कांग्रेस सूत्रों के अनुसार आर एस एस,भाजपा के शणयंत्रकारी लोगों के द्वारा सुनियोजित तरीके से बाहर के गुंडे बुलाकर जानबूझकर यह कांड कराया गया ताकि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को हटाया जा सके जो यह भी जांच का विषय है।