कब्जा करने की नीयत से सतनामियों की भावनाओं से खेलने में ओमप्रकाश कश्यप हुआ सफल। जैतखाम स्थापित करके अवैध कब्जा को दे रहा था अंजाम । जब प्रशासन ने की कार्यवाही तो सामाजिक घटना बताकर समाज को किया गुमराह। आरोपी जेल में दाखिल।

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शिवरीनारायण | सतनामी समाज के आस्था जैतखाम के आड़ में अवैध कब्जा का षडयंत्र करने वाले कब्जाधारी मुख्य आरोपी ओमप्रकाश कश्यप जो कि कथित पत्रकार है उसने जमीन हथियाने के लिए मोहरा के रूप में सुरेन्द्र रत्नाकर, जशवेंद्र खुंटे, शिव शंकर यादव और संजू चौहान को चुना।
ओमप्रकाश कश्यप ने लकड़ी का बल्ली सुरेन्द्र रत्नाकर, जशवेंद्र खुंटे एवं अन्य को उपलब्ध करवाया उस लकड़ी के बल्ली पर सफेद रंग का कपड़ा चढ़ाकर बर्फी खिला में ठोककर शासकीय जमीन पर गाड़ दिए और झंडा चढ़ा दिए।
तहसीलदार ने अतिक्रमण हटाने का कार्रवाई किया तब मामले को जातीय संघर्ष का माहौल खड़ा करने के लिए ओमप्रकाश कश्यप ने रात में शिवशंकर यादव और संजू चौहान को शराब पिलाकर सफेद झंडा को बदलकर श्री राम का भगवा झंडा चढ़वा दिए।


उपरोक्त घटनाक्रम के बाद सुरेन्द्र रत्नाकर और उसके साथीगण ने तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार पर ही झंडा बदलने का आरोप लगाकर उन पर कार्रवाई करवाने के लिए थाना में धरना प्रदर्शन शुरू करवा दिया। समाज को भ्रमित करने वाला मनगढ़ंत विडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। इससे समाज के लोग काफी आक्रोशित नजर आए।

घटनास्थल पर उपरोक्त आरोपी ओमप्रकाश कश्यप और शिवशंकर यादव के मौखिक बयान के समय संजीत बर्मन, अधिवक्ता प्रमोद नवरत्न, लाईनमैन बिरेंद्र बंजारे,सुरेंदर लहरे, दीपक मनहर, प्रदीप दिवाकर,पेंशन गेंड्रे, अभिषेक कामले, वार्ड क्रमांक 15 शेठ्ठी नगर शिवरीनारायण के लगभग 15 निवासी भी मौजूद थे। शिवरीनारायण पुलिस ने अपराध क्रमांक 0229/2024 के तहत अपराध कायम करते हुए तत्काल ओमप्रकाश कश्यप, शिवशंकर यादव और संजू चौहान को गिरफ्तार कर लिया है।

सुरेन्द्र रत्नाकर और जशवेंद्र खुंटे फोन बंद कर फरार हैं।
👉 सुरेन्द्र रत्नाकर जो कि खुद को दिनेश रेजिमेंट का युवा प्रकोष्ठ का प्रदेश अध्यक्ष बतलाता है।
अगर ऐसे युवा भीम के नाम पर संगठन बनाकर गुरु घासीदास जी के प्रतीक चिन्ह को अपने निजी लाभ के लिए मजाक बनाते हैं।
इनके बिमारी का इलाज बेहद जरूरी है। उपरोक्त घटनाक्रम समाज के लिए बहुत चिन्ता का विषय है।
👉ओमप्रकाश कश्यप ने जमीन कब्जा और सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने के लिए हिंदू आस्था को नहीं खेला। बल्कि सतनामी समाज के आस्था को मजाक बनाने का काम किया है ।

संजीत बर्मन ने इस घटना के संदर्भ में कहा – सतनामी समाज के आस्था को अवैध कब्जा करने के लिए उपयोग करना बेहद शर्मनाक है । इसमें शामिल सभी आरोपी को सजा मिलना चाहिए। ताकि सामाजिक आस्था को कोई मजाक न बना सके।

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