श्री कृष्णजी, रुक्मणी विवाह देख झूम उठे श्रोतागण ।

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रिपोर्टर/तोषन प्रसाद चौबे/सिद्धार्थ न्यूज़
भवानीपुर, में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा में कथावाचक साध्वी रूपम राघव ने श्रीकृष्ण-रुक्मणी विवाह प्रसंग सुनाया। श्रद्धालुओं ने भगवान श्रीकृष्ण-रुक्मणी विवाह को एकाग्रता से सुना। श्रीकृष्ण-रुक्मणि का वेश धारण किए बाल कलाकारों पर भारी संख्या में आए श्रद्धालुओं ने पुष्पवर्षा कर स्वागत किया।
श्रद्धालुओं ने विवाह के मंगल गीत गाए। कथा के मुख्य यजमान ऊषा पटेल परिवार, ने दीप प्रज्जवलित किया। प्रसंग में रूपम राघव जी ने कहा कि रुक्मणी विदर्भ देश के राजा भीष्म की पुत्री और साक्षात लक्ष्मी जी का अवतार थी। रुक्मणी ने जब देवर्षि नारद के मुख से श्रीकृष्ण के रूप, सौंदर्य एवं गुणों की प्रशंसा सुनी तो उसने मन ही मन श्रीकृष्ण से विवाह करने का निश्चय किया। रुक्मणी का बड़ा भाई रुक्मी श्रीकृष्ण से शत्रुता रखता था और अपनी बहन का विवाह चेदिनरेश राजा दमघोष के पुत्र शिशुपाल से कराना चाहता था। रुक्मणी को जब इस बात का पता चला तो उन्होंने एक ब्राह्मण संदेशवाहक द्वारा श्रीकृष्ण के पास अपना परिणय संदेश भिजवाया। तब श्रीकृष्ण विदर्भ देश की नगरी कुंडीनपुर पहुंचे और वहां बारात लेकर आए शिशुपाल व उसके मित्र राजाओं शाल्व, जरासंध, दंतवक्त्र, विदु रथ और पौंडरक को युद्ध में परास्त करके रुक्मणी का उनकी इच्छा से हरण कर लाए।

वे द्वारिकापुरी आ ही रहे थे कि उनका मार्ग रुक्मी ने रोक लिया और कृष्ण को युद्ध के लिए ललकारा। तब युद्ध में श्रीकृष्ण व बलराम ने रुक्मी को पराजित करके दंडित किया। तत्पश्चात श्रीकृष्ण ने द्वारिका में अपने संबंधियों के समक्ष रुक्मणी से विवाह किया। इस दौरान, परमानंद लता पटेल,कार्तिक परमेश्वरी पटेल,चंद्रजीत आरती पटेल,शिवलाल पटेल, अंशु, अनिल पटेल, यीशु पटेल,रेशमा पटेल, गजेंद्र साहू सीताराम साहू श्यामू यादव दीनानाथ देवदास ओंकार साहू नंद कुमार साहू राजेंद्र मजूमदार कृष्ण कुमार निषाद वीरेंद्र कुमार साहू तुलसी साहू सुसेन कमल गोकुल चंद्राकर मदन साहू उत्तम साहू संतोष साहू हेमिन साहू शतरूपा ध्रुव शांति ध्रुव शकुन साहू उर्मिला साहू द्रोपती साहू

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