।।खबर सिद्धार्थ न्यूज से नीलकांत खटकर।।
रायपुर/ कोरबा 12 फरवरी 2024 । छ ग राज्य के चिटफंड कंपनियों में फंसे पैसे को पीड़ितों को उनका पैसा वापसी के लिए कांग्रेस सरकार ने खूब मेहनत की,अपने चिटफण्ड सेल के संबंधित अधिकारियों को लगातार मॉनिटरिंग करने निर्देश जारी करते थे जिससे कोर्ट भी पीड़ितों के पक्ष में पैसा वापस करने का फैसला सुनाते हुए राहत दी और सर्वमंगला प्रापर्टीज चिटफंड कंपनी की संपत्ति को कुर्क कर नीलामी की जिसका पैसा जिला कलेक्टर कार्यालय कोरबा के खाते में जमा भी हो गया है लेकिन आज पर्यंत इस कंपनी के पीड़ित निवेशकों को पिछले एक साल से रकम नहीं मिली है और अपने ही पैसे की रकम पाने दर दर भटकने मजबूर हो गए हैं। सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार कलेक्टर कार्यालय कोरबा द्वारा पीड़ित निवेशकों को उनका रकम वापस नहीं करने पर बेहद आक्रोश व्यक्त करते हुए नाराजगी जताई है और जिला कलेक्टर कोरबा से खाते में जल्द रकम जमा करने की मांग की है।
जानकर विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक उक्त कंपनी के कुल 13 निवेशक थे और इस कंपनी से प्राप्त नीलामी राशि 31 लाख रु कोरबा कलेक्टर के खाते में जमा कर दिया गया है। *तत्कालीन कलेक्टर के निर्देशानुसार कंपनी के निवेशकों से तहसील कार्यालय के कानूनगो शाखा द्वारा कंपनी के निवेशकों को दस्तावेज जमा कराने के निर्देश पर कुल 13 निवेशकों द्वारा आवेदन जमा कराया गया था। तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक कार्यक्रम में इस कंपनी के सभी 13 निवेशकों को चेक वितरित किया गया था जिसमे से 7 निवेशकों को कुल 6 लाख 50 हजार रु प्राप्त हुए हैं अभी 6 निवेशकों को 3 लाख 12 हजार रुपए और दिया जाना है। ये 6 निवेशक हैं तुलेश कुमार श्रीवास पिता आत्माराम 64 हजार रु, वन साय राजवाड़े पिता वकीलराम 690 रू, गोपीकिशन रात्रे पिता स्व सहेत्तर 95 हाजार रू, जय पाल सिंह कंवर पिता मंगतराम 65 हजार रु, रामबाई राठौर पति भोजराम राठौर 11 हजार 500 सौ रू लव कुमार राठौर पिता रामजी राठौर 75 हजार रु । अभी भी कलेक्टर मद में 25 लाख लगभग बचा हुआ है इसके बावजूद ये निवेशक आज भी अपनी रकम पाने यहाँ वहाँ भटक रहे हैं।कोई इनकी मदद करने तैयार नहीं हो रहे हैं जिससे इनके रुपए वापस नहीं मिल पा रहा हैं। रकम के लिए भटक रहे निवेशको ने बताया कि हम जब अपनी रकम वापस करने कलेक्टर कार्यालय कोरबा जाते हैं तो वहां के अधिकारी कर्मचारी कंपनी के मूल दस्तावेज की मांग करते हैं जबकि सारे मूल दस्तावेज तो कई सालों से पहले ही संबंधित थाने/ कोर्ट में जमा है जिसकी पावती भी रखें हुए हैं जिसे कलेक्टर कार्यालय कोरबा के अधिकारी मानने तैयार नहीं हो रहे हैं।आपको बता दें की इस कंपनी के निवेशकों के लिए 31 लाख रू जिला प्रशासन के बैंक खाते में जमा हुआ है फिर भी ये 6 निवेशक अपने ही पैसे वापस पाने भटक रहे हैं जो दुर्भाग्य की बात है।इन 13 निवेशकों को 11 लाख रू वापसी के बाद भी 25 लाख रू बच रहें हैं जिन्हें नियमानुसार फिर से अनुपात में इन्हें रकम बांटे जाने हैं। जानकारी के मुताबिक उक्त कंपनी में केवल यही 06 निवेशक शेष है जिनको राशि वितरण करने के बाद भी कलेक्टर मद में लगभग 21 लाख रुपये बच जाएगा इसके बावजूद जिम्मेदार इनकी मदद नही कर रहे है। इस विषय पर जिला कलेक्टर कार्यालय कोरबा के सहायक रीडर जय बच्चन से संपर्क किया तो उनका मोबाइल में इनकमिंग सेवाएं बंद बताया।