Home बड़ी खबर संपादकीय : पूर्व सीबीआई मजिस्ट्रेट प्रभाकर ग्वाल की कलम से,,,,,,,, दुनिया की जीवित, ऊर्जावान, समझदार, दूरदर्शी समाज के लिए महत्वपूर्ण ज्ञान, चेतावनी ????

संपादकीय : पूर्व सीबीआई मजिस्ट्रेट प्रभाकर ग्वाल की कलम से,,,,,,,, दुनिया की जीवित, ऊर्जावान, समझदार, दूरदर्शी समाज के लिए महत्वपूर्ण ज्ञान, चेतावनी ????

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संपादकीय : पूर्व सीबीआई मजिस्ट्रेट प्रभाकर ग्वाल की कलम से,,,,,,,,   दुनिया की जीवित, ऊर्जावान, समझदार, दूरदर्शी समाज के लिए महत्वपूर्ण ज्ञान, चेतावनी ????

क्या पूरे विश्व के मुस्लिम समाज के लोग भी विज्ञान, तकनीकी के मामले में रूस, यूरोप, जापान, अमेरिका की बराबरी करते तो, आज इस्राएल के यहूदी लोग, फिलिस्तीन पर जनसंहार कर रहे होते? हरगिज़ नही? ईसाई, यहूदी, पारसी, जैन, बौद्ध लोग कथित अपनी संस्कृति, रीति रिवाजों को मानने के बाद भी किसी ईश्वर, भगवान, गॉड, परमेश्वर, देवी देवताओं पर भरोसा नही किये हैं।

पर अधिकांश मुस्लिम, कथित हिन्दू समाज के लोग आज भी आल्हा, ईश्वर, देवी देवता पर किसी चमत्कार का भरोसा रखें हुए हैं। प्रकृति व परिस्थितियों के अनुकूल नही चले तो ऐसे फिलिस्तीन जैसे मारे जाओगे या प्रकृति कभी कोरोना महामारी जैसे, भूकंप, बाढ़, अंधी तूफ़ान, ओला, ज्वालामुखी, सुनामी, सूखा, छद्म युद्धों, लोकल दंगो आदि कारणों से सब मारे जाओगे।

 

भारत मे कथित आधी हिन्दू आबादी के लोगों को खान पान के परहेज, उपवासों के कारणों से शारीरिक, स्वास्थ्यगत, मानसिक रूप से भयंकर रूप से कमजोर कर दिया गया है, ऐसे लोगों को मारने की भी आवश्यकता नहीं है । हमारी औसत आयु 60 साल से नीचे जा रही हैं और कुछ पता भी नही हैं। बेबस, लाचार, कुपोषित, मानसिक रूप से अपंग व्यक्ति के परिवार, धन संपत्ति, जमीन, जायदाद, हक अधिकार को लूटने के लिए मारना नही पड़ता हैं। ऐसे लूट के कार्य को ही पीड़ित पक्ष के लोग आशीर्वाद कहते हैं, भाग्य धन्य हो गया कहते हैं।

 

उदाहरण :- लेटरल एंट्री में एसटी, एससी, ओबीसी के लोग आवेदन ही नही कर सकते हैं, किसी ने विरोध किये?

 

सारे फ्राड, बेईमान, बैंक के कर्जदार भगोड़े के खिलाफ कुछ बोल पा रहे हैं?

 

हमारे हिस्से के सारे सम्पतियों को पूंजीपतियों को असंवैधानिक रूप से दे दे रहे हैं, कोई कूछ कर पा रहे हैं?

 

निजीकरण लाने, निजीकरण को क्रूरतम रूप से लागू करने, निजीकरण को बनाये रखने के लिए क्यों आरएसएस, भाजपा, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी को सपोर्ट कर वोट दे रहे हैं?

 

दिलिप मंडल साहब, अनिल कुमार मीणा साहब, लक्ष्मण यादव साहब, रतनलाल साहब, पत्रकार सुमित कुमार चौहान, नवीन कुमार जैसे बुद्धिजीवियों, क्रांतिकारी लोगों की बातों को, इनके जीते जी मानोगे या इनके मृत्यु के बाद इनकी भी जयंती, मृत्यु पर याद में सभा सम्मेलन कर रोजीरोटी चलाओगे?

 

देश मे न्यायपूर्ण व्यवस्था के लिए, कुछ करोगे या जीवनभर, पीढ़ी दर पीढ़ी महापुरुषों के तारीफ़ों, निंदाओ में, फोटो व मूर्तियों के पीछे छिपे रहोंगे?

 

भाजपा, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी को वोट न दें?

 

प्रभाकर ग्वाल

पूर्व सीबीआई मजिस्ट्रेट

छत्तीसगढ़, 9479270390