।। खबर सिद्धार्थ न्यूज़ से नीलकांत खटकर।।
भटगांव 26 नवंबर 2023 । राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रायगढ़ के निर्देशानुसार कृष्ण मुरारी शर्मा व्यवहार न्यायाधीश /अध्यक्ष तालुका विधिक सेवा समिति भटगांव सत्र खण्ड रायगढ़ राजस्व जिला सारंगढ़ बिलाईगढ़ (छ.ग.) के द्वार न्यायालय परिसर में संविधान दिवस के अवसर पर पक्षकारों व अधिवक्ताओं का बैठक आयोजन कर भारतीय संविधान के महत्व की जानकारी दी गई।
न्यायाधीश के एम शर्मा ने कहा कि हमारी सभ्यता बहुत प्राचीन है।हमारे देश 15 अगस्त 1947 को आजाद हुआ। एक आजाद देश को चलाने के लिए संविधान की आवश्यकता हुई। सबसे पहले संविधान कैसे निर्मित होगा । हमारे देश के संविधान को बनाने में अलग-अलग कमेटियां बनाई जिसमें सबसे प्रमुख ड्राफ्टिंग कमेटी है। जिसके अध्यक्ष डॉ भीमराव अम्बेडकर साहेब थे। उन्होंने कौन सा पार्ट कहा पर होगा सबसे पहले राज्य का निर्माण आर्टिकल एक देश कैसे बनेगा, दूसरे में राज्य के नागरिक व नागरिकों के नागरिकता और तीसरे चेप्टर में नागरिकों के मौलिक अधिकार एवं कर्तव्य है ,राज्यों के कर्तव्य होगा नीतिनिर्देशक तत्व उनके इसप्रकार से कौनसा भाग सबसे पहले होगा और किस स्थान पर होगा यह डॉ बी आर अम्बेडकर साहेब का नियम था वह संविधान निर्माण में महत्वपूर्ण है इसलिए उन्हें संविधान का जनक ‘ Father Of Constitution’ कहा जाता है । हमारे भारतीय संविधान इसलिए और अच्छा संविधान है कि अलग-अलग देशों के खूबियों को लेकर बनाया है। हमारा संविधान विश्व के सबसे बड़ा लिखित विशाल संविधान है। हमारे देश के संविधान बनाने में 2 वर्ष 11 माह 18 दिन लगा।
125 वीं जन्म जयंती वर्ष 2015 में भारत सरकार ने इसी के नाम पर 26 नवम्बर को संविधान दिवस के रूप में मनाये जाने की घोषणा की। चुकी 26 नवम्बर 1949 को हम भारत के लोगों ने संकल्प लिया है कि आज दिनांक को इस संविधान को अधिनियमित, अंगीकृत एवं आत्मार्पित करते हैं, तब से हमारा संविधान सम्पूर्ण देशवासियों के लिये सर्वमान्य हो गया है। 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस और 15 अगस्त 1950 को हमारे देश आजाद हुआ ,स्वतंत्र हुआ इसलिए 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है । संविधान दिवस मनाने का महत्वपूर्ण आशय यह है कि हमारे जीवन मे उसके क्या भूमिका है, क्या महत्व है ,क्या योगदान है ,क्या उद्देश्य है इन तमाम जानकारियों को पीढ़ी दर पीढ़ी सहेजकर रखने, उनके योगदान को याद करते हैं।
भारतीय संविधान सर्वोपरि है।उच्चतम न्यायालय के अनुसार कहा गया है कि विधायिका से भी ऊपर संविधान है।संविधान हर व्यक्ति को अधिकार देता है। कोई भी कानून बनेगा वह संविधान के दायरे के भीतर ही निर्माण होगा। संविधान के दायरे के बाहर यदि कानून का निर्माण होगा तो वह नगण्य है। किसी भी अपराध में आरोपी को 24 घण्टे के भीतर अधीनस्थ मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश करना पड़ता है। जो अपराध किया है उसे भी संविधान के तहत अपने पसंद का अधिवक्ता नियुक्त करने का अधिकार है । सीआरपीसी 1973 में आया है 1950 की धारा 22 के तहत मिल चुका था। प्रत्येक व्यक्ति को दैहिक स्वतंत्रता का अधिकार है वह कुदरत से हवा,पानी लेने जीवन जीने का स्वतंत्र अधिकार है। संविधान में सभी बराबर है ।कानून के प्रति समता,कानून में समान संरक्षण धारा 40 के तहत प्राप्त है। यदि किसी नागरिक के किसी भी मौलिक अधिकारों का हनन हो रहा है तब वह संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत उच्चतम न्यायालय में या अनुच्छेद 226 के तहत उच्च न्यायालय में फरियाद कर सकता है। किसी भी देश का संविधान वहां की समस्याओं का सर्वोत्तम और सर्वमान्य समाधान करने के लिए होता है।भारतीय संविधान में भी सभी समाधान निहित है।
संविधान दिवस के अवसर पर अभिभाषक संघ भटगांव के अध्यक्ष जे बंजारे ने कहा कि देश में जितना भी कानून-कायदा,रीति-नीति,प्रथा-परम्परा,नियम-उपनियम,विधि-उपविधि अस्तित्व में है उन सबमें संविधान सर्वोच्च नियमावली है भारतीय संविधान से बढ़कर देश मे कोई भी नियम नहीं हो सकता। संचालन वरिष्ठ अधिवक्ता जे लहरेजी एवं कार्यक्रम का समापन की घोषणा संरक्षक एम एल चन्द्रा जी ने किया। संविधान दिवस के मौके पर प्रमुख रूप से अधिवक्तागण में एस एल भारद्वाज, डी पी कुर्रे,रोहित बघेल , जीवन लाल कुर्रे ,डगेश्वर खटकर आर. के.पाण्डे,विजय शंकर साहू, यशपाल सिंह,एम. एल. चंद्रा,विजय देवांगन,बालमुकुन्द दुबे,प्रभु साहू ,नरसिंह साहू,बी एल यादव, इत्यादि अधिवक्ताओं , न्यायालयीन कर्मचारी एवं पक्षकार बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।