Home बड़ी खबर भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी लेनिनवादी)रेड स्टार के प्रत्याशी कॉमरेड युवराज नेताम ने नामांकन पत्र दाखिल किया।

भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी लेनिनवादी)रेड स्टार के प्रत्याशी कॉमरेड युवराज नेताम ने नामांकन पत्र दाखिल किया।

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भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी लेनिनवादी)रेड स्टार के प्रत्याशी कॉमरेड युवराज नेताम ने नामांकन पत्र दाखिल किया।

रायपुर /बिन्द्रानवागढ़। 27/10/2023 । भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी लेनिनवादी) रेड स्टार का प्रत्याशी कॉमरेड युवराज नेताम ने बिन्द्रानवागढ़ विधानसभा क्षेत्र से कल दिनांक 27अक्टूबर को अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। कॉमरेड सौरा ने बताया कि कॉरपोरेट घरानों की दलाल फ़ासिस्ट भाजपा की मोदी सरकार का नव फासीवादी आक्रमण मेहनतकशों पर तेजी से बढ़ गया है। मोदी सरकार द्वारा लाया गया वन संरक्षण संशोधन अधिनियम 2023, आदिवासी और पर्यावरण विरोधी कानून है, हमारे देश के लिए यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण रहा की कभी अल्पसंख्यक, कभी दलित और अब आदिवासी राष्ट्रपति के नाम पर आरएसएस/बीजेपी सरकार देश की जनता को धोखा देते आ रही है। वन संरक्षण संशोधन अधिनियम 2023 का पूरा विपक्ष ने विरोध किया,आदिवासी संगठनों ने आपत्ति दर्ज की थी, देश के करोड़ों लोगों ने इसका जमकर विरोध किया था, इसके बावजूद इस आदिवासी विरोधी,पर्यावरण विरोधी कानून को लाया जा रहा है।इस कानून के लागू होने से पांचवी अनुसूची क्षेत्र में पेसा कानून 1996 तथा वन अधिकार कानून 2006 निष्प्रभावी हो जाएगा। आदिवासियों के हाथों में जो पुष्तैनी जमीन है उसे भी छीन लेने के लिए रास्ता खुल जाएगा ,यह कानून कॉर्पोरेट को सीधा लाभ पहुंचाएगी, भाजपा सरकार ने सभी नियमो कायदों को तक में रखकर इस आदिवासी विरोधी पर्यावरण विरोधी बिल को संसद में बिना चर्चा का शोरगुल के बीच मात्र 40 मिनट में पास कर दिया। जबकि मोदी सरकार के द्वारा बनाया गया एस सी ,एस टी कमिशन ने भी इस बिल का विरोध किया था ,और कहा था कि इस मसविदा को कानून का रूप मिल जाने से आदिवासियों के मौलिक अधिकारों का हनन होने वाला है, उनके आपत्ति को भी सरकार ने दरकिनार कर दिया। इस बिल के लागू होने से उत्तर पूर्व के मेघालय, मिजोरम, मणिपुर, नागालैंड और त्रिपुरा के वनाच्छादित राज्यों में बड़े पैमाने पर वनों को नुकसान होने वाला है।
वन विभाग के मदद से आने वाले दिनों में आदिवासियों को जंगलों से खदेड़ना आसान हो जाएगा और इन आदिवासियों का जमीन पर कब्जा करके कॉरपोरेट को देने का मार्ग प्रसस्त हो जाएगा। जंगलों में रहने वाले आदिवासियों की जिंदगी तबाह होने वाली है, व्यक्तिगत वन अधिकार,एवं सामुहिक वन अधिकार की मान्यता खत्म हो जाएगा ।पांचवी अनुसूची क्षेत्र में लागू होने वाले पेसा कानून 1996 तथा वन अधिकार मान्यता कानून 2006 का कोई अर्थ नहीं रह जाएगा, कॉरपोरेट को पूरे वन संपदा पर कब्जा हो जाएगा और पर्यावरण को तबाह करने के लिए पूरी छूट मिल जाएगा।
जनता की जनवादी क्रांति के लिए मेहनतकशो के अधिकारो के लिए मजदूर,किसान, दलित,आदिवासी,अल्पसंख्यक समुदाय पर बढ़ रहे दमन अत्याचार के खिलाफ, आरएसएस/बीजेपी को परास्त करने की मांग को लेकर बिन्द्रानवागढ़ विधानसभा के कर्मठ युवा प्रत्याशी ग्राम ज़िडार,मैनपुर से कॉमरेड युवराज नेताम को विजय बनाने का आव्हान किया है।