Home बड़ी खबर कलेक्टर डॉ सिद्दीकी द्वारा छत्तीसगढ़ कोलाहल नियत्रंण अधिनियम के संबंध में आदेश जारी।चुनाव प्रचार में सामान्य ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग मध्यम आवाज में हो।ऊंची आवाज जो शारीरिक मानसिक बाधा उत्पन्न करेंगे वो प्रतिबंधित रहेंगे।

कलेक्टर डॉ सिद्दीकी द्वारा छत्तीसगढ़ कोलाहल नियत्रंण अधिनियम के संबंध में आदेश जारी।चुनाव प्रचार में सामान्य ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग मध्यम आवाज में हो।ऊंची आवाज जो शारीरिक मानसिक बाधा उत्पन्न करेंगे वो प्रतिबंधित रहेंगे।

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कलेक्टर डॉ सिद्दीकी द्वारा छत्तीसगढ़ कोलाहल नियत्रंण अधिनियम के संबंध में आदेश जारी।चुनाव प्रचार में सामान्य ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग मध्यम आवाज में हो।ऊंची आवाज जो शारीरिक मानसिक बाधा उत्पन्न करेंगे वो प्रतिबंधित रहेंगे।

।।खबर सिद्धार्थ न्यूज़ से नीलकांत खटकर।।

 

सारंगढ़ बिलाईगढ़ 25 अक्टूबर 2023 । निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान सभी राजनैतिक दल, उनके कार्यकर्ता तथा उनसे सहानुभूति रखने वाले व्यक्ति, अपने दल के प्रचार-प्रसार के लिये ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग करते हैं। इन ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग, न केवल स्थायी मंच से होता है, वरन् विभिन्न वाहनों जैसे जीप, कार, ट्रक, ऑटो, तिपहिया, स्कूटर, मोटर सायकल, सायकल, रिक्शा आदि पर घूम-घूम कर या स्थिर रखकर भी होता है। ये वाहन सभी गलियों, सड़को एवं उप गलियों पर चलते हैं, तथा गांवो, बस्तियों, मोहल्लों एवं कालोनियों से बहुत ऊंची आवाज में लाउडस्पीकरों से प्रसारण करते हुए पाए जाते हैं। लाउडस्पीकरों का ऊंची आवाज में प्रयोग करने से विद्यार्थी वर्ग अशांत हो जाते हैं, क्योंकि उनका अध्ययन बाधित होता है। लाउडस्पीकरों पर अबाध रूप से किये जाने वाले शोरगुल से वृद्ध, दुर्बल बीमार व्यक्ति को चाहे वह किसी चिकित्सालय- संस्थान में हो या घर में हो, बहुत परेशानी होती है।

इन कोलाहाल से होने वाले परेशानियों के निराकरण के लिए कलेक्टर डॉ. फरिहा आलम सिद्दीकी ने आदेश जारी किया है, जिसमें कहा है कि निर्वाचन अवधि में ध्वनि विस्तारक यंत्रों के प्रयोग को पूर्ण रूप से रोका नहीं जा सकता हैं क्योंकि ध्वनि विस्तारक यंत्र, निर्वाचन प्रचार एवं जनसमूह के बीच अपने विचार व्यक्त करने के साधनों में से एक साधन है, लेकिन उसके साथ-साथ विषम समय में, विषम स्थान पर ध्वनि विस्तारक यंत्रों के अविवेकपूर्ण ऊंचे स्वरों पर, अवैधानिक उपयोग, जिससे जनमानस की शांति एंव स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ता हो, की अनुमति दिया जाना उचित नहीं हैं। छत्तीसगढ़ कोलाहल नियत्रंण अधिनियम 1985, की धारा 04 के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए जिले के ग्रामीण क्षेत्रों तथा नगरीय क्षेत्रों में रात्रि 10 बजे से प्रातः 6 बजे तक, ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग किया जाना, अथवा करवाया जाना पूर्ण रूप से निषिद्ध है।

आदेश के अनुसार ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग, चुनाव प्रचार करने के लिए वाहनों पर एवं चुनावी सभाओं में नगरीय तथा ग्रामीण क्षेत्रों में प्रातः 6.00 बजे से रात्रि 10.00 बजे तक ही किया जा सकेगा। किन्तु ऐसे ध्वनि विस्तारक यंत्र साधारण किस्म के होंगे एवं मध्यम आवाज में ही प्रयोग किये जायेंगे। लोक परिशांति को दृष्टिगत रखते हुए लंबे चोंगे वाले लाउडस्पीकरों का प्रयोग पूर्ण रूप से प्रतिबंधित किया जाता है। वाहनों एवं चुनावी सभाओं में एक से अधिक लाउडस्पीकर समूहों में लगाया जाना भी प्रतिबंधित किया जाता है। ग्रामीण क्षेत्रों एवं नगरीय क्षेत्रों में प्रातः 06 बजे से रात्रि 10 बजे तक, ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग सक्षम अधिकारी की अनुमति प्राप्त कर सामान्यतः किया जा सकता है, परन्तु शैक्षणिक संस्थाओं, चिकित्सालय, नर्सिंग होम, न्यायालय परिसर, शासकीय कार्यालय, छात्रावास, नगरपालिका परिषद, जनपद पंचायत एवं किसी अन्य स्थानीय निकाय कार्यालय, बैंक, पोस्ट आफिस, दूरभाष केन्द्र आदि से 200 मीटर की दूरी के भीतर ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग सामान्य स्थिति में भी पूर्णतः प्रतिबंधित किया जाता है।यह प्रतिबंध निर्वाचन प्रक्रिया की समाप्ति तिथि तक संपूर्ण जिले में प्रभावशील रहेगा तथा तत्काल प्रभावशाील होगा।

चुनावी सभाओं एवं चुनाव प्रचार करने के लिए वाहनों पर ध्वनि विस्तारक यंत्र लगाने के लिए जिला मुख्यालय मेंअनुविभागीय दण्डाधिकारी सारंगढ़ एवं अन्य अनुविभाग मुख्यालयों में संबंधित अनुविभागीय दण्डाधिकारी, तहसील मुख्यालय में तहसीलदार एवं कार्यपालिक दण्डाधिकारी तथा उप तहसील मुख्यालय मे अतिरिक्त तहसीलदार, नायब तहसीलदार एवं कार्यपालिक दण्डाधिकारी से लिखित पूर्वानुमति प्राप्त करना अनिवार्य होगा।