राज्य या केंद्र के किसी भी पार्टी की सरकार के एमपी, एमएलए ने अ. जा. वर्ग का भला नहीं किया उल्टा उनको नुकसान पहुंचाने और दंड देने का काम किया – वरिष्ठ पत्रकार दरस राम टंडन।

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राजनीति बिलाईगढ़ की : बिलाईगढ़ के सांसद, विधायकों ने अनूसूचित जाति वर्ग के लिए क्या किया क्या नहीं किया ??? इन वर्ग के साथ कैसे अपने ही एमपी, एमएलए ने कैसे छलावा किया??? पढ़िए पूरी संपादकीय खबर,,,,,,,

 

।। सिद्धार्थ न्यूज़ से नीलकांत खटकर।।भाग 1

 

रायपुर/ बिलाईगढ़ 05 अक्टूबर 2023 । गोपालपुर निवासी दरस राम टंडन बिलाईगढ क्षेत्र के वरिष्ठ पत्रकार के साथ साथ प्रगति शील सतनामी समाज परिक्षेत्र भटगांव के मीडिया प्रभारी हैं।दरस टंडन ने छत्तीसगढ़ राज्य में अनुसूचित जाति वर्ग के साथ हो रहे छलावा पर लेख लिखे हैं जिसे आपके साथ साझा कर रहे हैं।आइए उन्होंने क्या कहा ?? इन्होंने कहा की राज्य में एससी वर्ग की संख्या 50 लाख के करीब है और राज्य में 10 विधानसभा एवं देश मे 80 लोकसभा सीट अ. जा. के लिए आरक्षित हैं देखा जाए तो जनसंख्या के अनुपात में राज्य में विधानसभा में 20 – 22 एवं लोकसभा में 05 सीटें की भागीदारी होनी चाहिए । इस वर्ग के बड़ा तबका एमपी, एमएलए बनकर सांसद , विधान सभा पहुंचते हैं लेकिन इस वर्ग की समस्याएं फिर भी यथावत बनी हुई है। एससी वर्ग के नेता होकर भी सांसद और विधानसभा में अपने ही वर्ग के लिए आवाज नहीं उठाते। ये नेता प्रश्नकाल में अपने समाज की बात न करके अपने हित लाभ प्राप्त करने के पक्ष में प्रश्न उठाते हैं जिससे समाज की प्रगति नहीं हो रही है।

 

विप्ज्ञिती में बताया की इस पंचवर्षीय में राज्य या केंद्र में किसी भी पार्टी की सरकार रही हों लेकिन कभी भी एससी वर्ग से एक भी एससी नेता को राज्य सभा के उच्च सदन नहीं भेजा है इससे जाहिर होता है की ये भाजपा,कांग्रेस,आप सभी पार्टियां एक ही हैं इसे तो हमारे समाज के लोगों को समझना चाहिए।वोट एससी, एसटी, ओबीसी अल्पसंख्यक के हैं जिनकी जनसंख्या देश में 90% जन संख्या है और देश में राज केवल मुठ्ठी भर लोग अथवा 10% के हाथों में है जो बहुत ही निंदनीय और चिंता का विषय है। इस वर्ग ने कईयों बार आंदोलन कर चुके हैं लेकिन इनकी मांगो को दरकिनार कर दिया जाता है। जिला बलौदा बाजार भाटापारा में संत शिरोमणि गुरु घासीदास बाबा की जन्म स्थल गिरौदपुरी समाज के लोगों ने कांग्रेस की भूपेश सरकार से जिला का नाम बाबा गुरू घासीदास के नाम करण करने की मांग समाज ने की लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई।।बहुत दुःख की बात है की यहीं कांग्रेस अपने को दलित हितैषी बताती है लेकिन अ. जा. के 16% आरक्षण को 12% रखी है ।इस वर्ग को दोनों पार्टियों ने नुकसान पहुंचाया और ये दोनों पार्टियों ने एक दुसरे पर अपना ठीकरा फोड़ते हैं। इस विषय को लेकर इस वर्ग के लोगों ने जगह जगह धरना प्रदर्शन आंदोलन किया लेकिन कोई असर नहीं हुआ। उन्होंने कहा की सन् 2009 के पूर्व राज्य में अनुसूचित जाति के 02 लोकसभा सीट आरक्षित थी। उसमें का एक को सारंगढ़ संसदीय क्षेत्र को विलुप्त कर दिया और एक संसदीय क्षेत्र जांजगीर आरक्षित कर दिया इसमें भी इस वर्ग को बड़ा नुकसान हुआ जबकि डाक्टर भीमराव अम्बेडकर जी ने इस वर्ग के जनसंख्या के अनुपात संविधान में 15% से 20% आरक्षण का उल्लेख किया है, लेकिन राज्य या केंद्र सरकार संविधान को मानने को तैयार ही नहीं है उक्त तीनों पार्टियां एक ही हैं।राज्य में अनुसूचित जाति के 10 विधायक एवं देश में 80 सांसद हैं लेकिन किसी माननीय नेताओं ने एक भी सदन में आवाज नहीं उठाई केवल अपने जेबें भरने वाले ही सवाल किया। केंद्र के हर कार्यकाल में अन्य वर्ग के एमपी ने सदन में वंचित वर्ग के लोगों के आरक्षण समाप्त करने की वकालत करते रहे फिर भी एससी के एमपी ने इसका विरोध नहीं किया चुपचाप अंधे बहरे बनकर शांति से बैठे रहते हैं। पता है कुछ भी इस विषय पर बोला जाएगा तो अगले समय इनकी टिकट कट जाएगी। अब आप पार्टी के बारे में भी बतला दें इन्होंने हर सरकारी कार्यालयों में डॉ भीमराव अंबेडकर और भगत सिंह की तस्वीर लगाने की घोषणा की लेकिन जब राज्य सभा में संसद भेजने की बारी आई तो एक भी एससी वर्ग को सदन नहीं भेजी।इससे साबित हुए की आप पार्टी भी भाजपा ,कांग्रेस के नक्शे कदम पर चल रही है और ये सभी पार्टियां एक ही हैं इनकी विचारधारा भी एक हैं।

आरक्षण देश में जारी रखने का मतलब की जब तक इनमे समानता नहीं आ जाति तब तक आरक्षण जारी रखनी होगी लेकिन भाजपा आरक्षण,संविधान को बदलने की बात कर रही है। ये वर्ग लंबे वर्षों तक पीड़ित हैं अभी सामानता से कोसो दूर हैं।ये वर्ग जातिवाद ,भेदभाव ,अत्याचार,बलात्कार जैसे उत्पीड़न के शिकार हैं जिसे वर्षों से झेल रहे हैं सदन में इस बारे में कोई बात करता है तो उन्हें बोलने नही दिया जाता यहां तक कि इनकी सदस्यता खत्म कर सदन से बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है। श्री टंडन ने बताया की इस वर्ग के बारे में गांव गांव जाकर उनकी पीड़ा,गरीबी,उत्पीड़न को बहुत करीब से देखा हूं। लोगों से चर्चा करने पर बताया कि उनके ही वर्ग के एमपी, एमएलए अपने ही लोगों से दुत्कारते हैं क्यों की उसने बसपा को वोट देकर एक बड़ा अपराध कर डाला है। विधानसभा बिलाईगढ़ (पूर्व भटगांव) एवं लोकसभा सभा जांजगीर ( पूर्व में सारंगढ़) के लिए आरक्षित रही। और हमेशा विधायक, सांसद निर्वाचित होते आ रहे हैं। फिर भी इस वर्ग के लोग विकास से कोसो दूर हैं। आजादी के 75 वर्षों गुजर गए फिर भी हमारे वर्ग के एमपी, एमएलए को तरस नहीं आता आज पर्यन्त तक ये वर्ग का आर्थिक, शैक्षणिक,सामाजिक और मुल भूत सुविधा से कोसों दूर है।

माननीय स्व परस राम भारद्वाज इस संसदीय क्षेत्र से छः बार सांसद बने रहे उन्होंने कितना काम काम किया है सभी वाकिफ हैं एवं स्वतंत्रता सेनानी व क्षेत्र के प्रथम सांसद व चार बार विधायक रहे माननीय स्वी.रेशम लाल जांगड़े जी, माननीय हरिदास भारद्वाज ने कई बार क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया भले ही अपने समाज के लिए कोई विशेष काम नहीं किया लेकिन उनके बेहतर व्यवहार को समाज के लोग आज भी याद करते हैं। हालाकि क्षेत्र की विकास की बात करें तो इन्होंने भी कोई खास योगदान नही दिया।क्षेत्र के मौजूदा एमपी, एमएलए के व्यवहार की बात करें तो काफी फिसड्डी हैं। लेकिन पूर्व के नेताओं से समाज के लोग निडर होकर अपने सुख दुख बतलाते थे और ये नेतागण किसी ब्यक्ति से भेद भाव नहीं करते थे।समाज और जनता नेता से सिर्फ अच्छे व्यवहार से प्रेरित होते हैं भले ही उनका कोई काम न करे। ठीक इसी प्रकार माननीय डॉ. शिव डहरिया का भी ब्वहार अच्छा रहा किसी लोगों के साथ ग़लत व्यवहार नहीं किया।लेकिन सबसे ज्यादा बुरा हाल बिलाईगढ़ विधान सभा क्षेत्र बीजेपी के सनम जांगड़े,मौजूदा विधायक चंद्र देव राय व वर्तमान सांसद गुहाराम अजगले से समाज के लोग बेहद नाराज हैं। सनम जांगड़े जी अपने कार्यकाल में बाहर रहते थे उनका सारा काम सरसीवां के एक अन्य वर्ग का तथाकथित नेता विधायक बनकर क्षेत्र का खतरनाक ढंग से नेतृत्व किया जिसे जनता कभी नहीं भुला सकती।हाला की सनम जांगड़े मिलनसार ,हंसमुख नेता हैं लेकिन उनके ही नेता ने उन्हें डूबा दिया।इनके पास समाज के लोग जब अपनी समस्या लेकर जाते थे तो सरसीवां के तथाकथित एक नेता के पास भेज देते थे मतलब की उन्होंने अपने विवेक से काम नहीं किया और सारा बागडोर दूसरे समाज के नेता के हाथों सौंप दिया जिसके कारण वे काफी बदनाम हुए। वहीं सांसद अजगले जी 2 बार सांसद बने दोनों बार समाज के लिए कोई विशेष काम नहीं किया इन्होंने भी जनता को यहां वहां भटकाया कोई इनके पास आवेदन लेकर जाते थे तो कहते थे जिस दिन मुझे वोट दोगे उस दिन मेरे पास काम लेकर आना। और ये नेता शिवरीनारायण ,बिलाईगढ,भटगांव, सरसीवां के अन्य समुदाय के नेता के पास से जाकर अनुमति लेकर जाओ कहते हैं ।भला आप सोचिए एससी वर्ग के सांसद को अपने वर्ग का नेतृत्व कर्ता(पीए) नहीं मिला तो समाज के लोगों का कैसे भला होगा???

श्री टंडन जी ने अपने संपादकीय लेख में आगे कहा की विधान सभा क्षेत्र बिलाईगढ़ के मौजूदा विधायक और संसदीय सचिव माननीय चंद्र देव राय ने क्षेत्र में 5 साल में जितना काम किया उतना काम किसी नेता ने नहीं किया हाला की यह विकास सत्ता पक्ष की सरकार होने के कारण ही हुआ है। राय जी अपने विवेक से काम किया लेकिन अपरिपक्व होने के नाते व्यावहारिक नहीं होंने से लोगों को काफी पीड़ा हुई हैं। इन्होंने भी पार्टीगत भेदभाव से काम किया जो भी उनके पास गया समस्या समाधान के बजाय उन्हें खरी खोटी सुनाए जाते थे जो की क्षेत्र में आम चर्चा का विषय बना हुआ है उनके इन 5 साल के कार्यकाल को क्षेत्र की जनता याद रखेगी।उनके इस व्यवहार को लेकर काफी लोग नाराज हैं और इस कारण इनसे लोगों ने दूरियां बढ़ा ली।वे चाहते थे की केवल उनके कार्यालय में सिर्फ अपने कांग्रेस पार्टी के ही कार्यकर्ता,लोग आए बाकी कोई भी न आएं। यहां तक कि मीडिया वालों से इतना बुरा दुर्ब्यहार किया जिसे भूलना मुश्किल है।जब मीडिया वालों के साथ उन्होंन इतना बुरा बर्ताव किया है तो आम जनता के साथ कितना बुरा बर्ताव किया होगा क्षेत्र के लोग इससे पूरी तरह काफी वाकिफ हैं।हमारे एक वरिष्ठ पत्रकार ने एक विज्ञप्ति के आधार पर ग्राम पंचायत सरसीवां की समस्यों,गड़बड़ियों को लेकर जब खबर चलाई तो सरसीवां के वर्तमान सरपंच ,पंच,सचिव को नागवार गुजरा वे नहीं चाहते थे की ग्राम पंचायत की कोई भी गड़बड़ियां उजागर न हों।इसकी शिकायत विधायक राय से कर दी राय ने पत्रकारों के पक्ष जानें बगैर अपने बालपुर कार्यालय में अपने पद का दुरुपयोग करते हुए सरसीवां थाने में एक पत्रकार पर छेड़छाड़ की झूठी रिपोर्ट लिखाई गई पत्रकारों को 2 घंटे तक फटकार लगाते हुए खूब खरी खोटी सुनाई और जबरदस्ती अपने सरपंच ,पंच से माफी मंगवाई गई ताकि ये पत्रकार उनके कार्यकाल तक जो क्षेत्र में आर्थिक गड़बड़ियां हो रही है उसकी खबर न लगा पाएं।इन्होंने बहुत घटिया व्यवहार किया जिसे लिख पाना भी मुश्किल है।विधायक साहब को मालूम होना चाहिए की भारत के 4 स्तंभ है न्यायपालिका,कार्यपालिका, विधायिका और मीडिया जितना अधिकार उनको मिला मिला है उतना ही अधिकार मीडिया को प्राप्त है।इस घटना के बाद से बिलाईगढ़ क्षेत्र के लगभग 95% पत्रकारों ने विधायक के बारे में कुछ भी लिखना जरूरी नहीं समझा अथवा अपना कलम बंद कर दिया। आगे और भी बहुत कुछ है संपादकीय में हमारे साथ बनें रहें क्रमशः ,,,,,,,,,,,,,,,,,

 

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