
।।खबर सिद्धार्थ न्यूज से नीलकांत खटकर।।
रायपुर/कसडोल 3 अक्टूबर 2023 । भीम आर्मी भारत एकता मिशन ब्लॉक कसडोल में ब्लॉक अध्यक्ष समीर घृतलहरे के नेतृत्व में 30 सितंबर2023 को 6 सूत्रीय मांगों को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल एवं क्षेत्रीय विधायक शकुंतला साहू के सैकड़ों की संख्या में भीम आर्मी के पदाधिकारियों की उपस्थिति में पुतला दहन किया गया। जिसमे मुख्य अतिथि के रूप में बलौदाबाजार जिलाध्यक्ष राजेंद्र घृतलहरे ने बताया की जिला कार्य सदस्य राहुल दिव्य भीम गरज रात्रे ,रुस्तम पुरेना , गुरुगोविंद भारद्वाज शामिल हुए कसडोल ब्लॉक के सभी साथियों ने मिल कर पुतला दहन कार्यक्रम को सफल बनाया ।इनके अलावा जगदीश बंजारे, रामरतन बंजारे ,ओंकार बंजारे, रूपलाल बंजारे ,प्रदीप कुमार ,अभय भारती ,निक्कू कुमार, आशीष बंजारे, साहिल बंजारे, सोम घृतलहरे ,राहुल बंजारे ,रोमी काटले ,लक्की काटले, विष्णु बघेल ,रवि कुमार यशवंत भारद्वाज ,अर्जुन भारद्वाज, ज्ञान दास मानिकपुरी, आदि भी शामिल हुए।जिसका जिला अध्यक्ष ने आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया।
आपको बता दें की भीम आर्मी की कुछ प्रमुख मांगे हैं इनकी जायज मांगों पर शासन प्रशासन द्वारा समय अवधि पर विचार नहीं किया गया तो वे बेहद नाराज हैं और उसी के विरोध में पुतला दहन किया गया।इनकी प्रमुख मांगे कुछ इस तरह है –
क्षेत्रीय विधायक शकुंतला साहू द्वारा एस.सी (अनुसूचित)वर्ग के लोगों पर जुल्म सितम ढाए जा रहे हैंअनुसूचित वर्ग के अधिकारियों कर्मचारियों को स्थानांतरण करने की धमकी दी जाती है इन अधिकारी कर्मचारी को अन्यत्र स्थानांतरण करने बार-बार कलेक्टर के ऊपर दबाव डाला जाता है विधायक के इस जातिवाद क्रियाकलाप पूरी तरह बंद करने की मांग की है ,भीम आर्मी ने छत्तीसगढ़ के रायपुर की घटना के बलात्कारियों को फांसी देने की मांग की है,छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी की जो घोषणा की थी इस पर अमल नहीं हुआ जिसे संघ ने झूठा वादा का आरोप लगाते हुए पूर्ण शराब बंदी की मांग की है,छत्तीसगढ़ में अनुसूचित वर्ग के महिलाओं के साथ हो रहे अत्याचार को रोकने में छत्तीसगढ़ सरकार नाकाम साबित हुए जिस पर सरकार ध्यान दें, प्रदेश में अनुसूचित जाति की जनसंख्या 16% परसेंट है तो आरक्षण को 16 % किया जाए।चुनाव बहुत करीब है कसडोल क्षेत्र की जनता खासतौर पर सतनामी समाज के लोग कांग्रेस पार्टी से जुड़े हुए हैं और उन्हीं के वर्ग के साथ कसडोल विधायक द्वारा दुर्व्यवहार किया जाना बेहद ही निंदनीय है।कसडोल विधान सभा क्षेत्र में सतनामियों की संख्या भी बड़ी तादात में है यदि यह वर्ग नाराज होकर आगामी विधान सभा चुनाव में कहीं इनका वोट अन्य पार्टी में डायवर्ट हो जाए तो यहां कांग्रेस भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है इनका खासा वोट बैंक भी है जो वर्तमान स्थिति को देखते हुए इस वर्ग का वोट अन्य पार्टी में जाने की पूर्ण संभावना है जिससे कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ सकता है।