।।खबर सिद्धार्थ न्यूज से नीलकांत खटकर।।
रायपुर 20 सितंबर 2023 । हमारा न्यूज पोर्टल खाश खबरों को शासन,प्रशासन और प्रदेश की आम जनता तक निरंतर पहुंचाने प्रतिबद्ध है। आपको बतला दें की पिछले माह पुलिस विभाग के उच्च प्रशासनिक अधिकारियों की एक बड़ी लापरवाही सामने आई थी जिसमें नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में वर्षों से कार्यरत एसआई की पोस्टिंग फिर से नक्सल क्षेत्र में किए जाने को लेकर प्रमुखता से खबर चलाई थी। उन एसआई को पुनः नक्सल क्षेत्र में पोस्टिंग किए जाने से वे किन किन परिस्थितियों से जूझ रहे हैं इन तमाम समस्याओं को लेकर हमारे पोर्टल के एडिटर इन चीफ ने शासन प्रशासन और आम जनता को अवगत कराए।पुलिस विभाग की इस लापरवाही से उनके ही कर्मचारी अधिकारी प्रताड़ित हों रहें हैं और शासन चुनावी रणनीति में ताकत झोंक रहे हैं और शक्ति प्रदर्शन कर रहे हैं।पिछले दिनों इस विभाग की एक बड़ी लापरवाही व शिकायत एक मीडिया के हवाले से खबर पढ़ने को मिली जहां उच्च पुलिस अधिकारी अपने सरकारी थानों में,कार्यालयों में कार्यरत अधिनस्थ अधिकारियों व आरक्षकों को अपने बंगलों में 24 घंटे निजी काम कराकर कैसे शोषण करते हैं, आरक्षकों की पत्नियां इस शोषण से तंगा कर अपने आरक्षक पति,बच्चों को घर बार छोड़ने विवश हैं जो की जगजाहिर है। छोड़िए हम आपको इसके बारे में पूरी तरह पड़ताल करके जरूर रूबरू कराएंगे लेकिन अभी प्रमुख मुद्दे की बात करते हैं।
छ ग शासन के गृह (पुलिस) विभाग मंत्रालय महानदी, नया रायपुर,अटल नगर से विगत 2 माह पहले 24 जुलाई 2023 को डीएसपी रैंक के 36 पुलिस अधिकारियों का स्थानांतरण के लिए आदेश जारी किया गया लेकिन एक बड़ा सवाल उठता है कि इन 36 पुलिस अधिकारियों को अब तक नवीन पदस्थापना स्थल के लिए कार्यमुक्त क्यों नहीं किया गया है?? और चुनाव आचार संहिता लगने को मुश्किल से 15 से 20 दिन शेष है।पुलिस प्रशासन की इस अड़ियल रवैए और लापरवाही से सभी ने नाराजगी जताई और खुद अपने ही आदेश पर फंसते नजर आए। कईयों ने अपने स्तर पर राज्य के प्रमुख मंत्रियों के कार्यालयों से रिलीविंग के लिए उच्च अधिकारियों को मौखिक रुप से निर्देश जारी करवाएं लेकिन पता नहीं इन गृह विभाग में बैठे उच्च अधिकारियों को शासन की भी बात मानने को तैयार नहीं हैं क्या है आखिर कारण यह तो कांग्रेस सरकार और गृह विभाग ही जानें लेकिन जब विभाग ने उक्त अधिकारियों सहित अन्य विभाग के अधिकारियों,कर्मचारियों का स्थानांतरण सूची जारी कर दी है तो अब उन्हें तत्काल नवीन पदस्थापना स्थल के लिए कार्यमुक्त किया जाना चाहिए ताकि आचार संहिता से कोई अड़चन पैदा न हो सकें। चूंकि चुनाव आचार संहिता लागू होने में मुश्किल से कुछ दिन ही बाकी है।
इस संदर्भ में रायपुर डीजीपी डी एम अवस्थी से हमारे चीफ ने पिछले सप्ताह मोबाईल से संपर्क किया तो उन्होंने कहा की कुछ दिनों में सभी अधिकारियों को नवीन पदस्थापना स्थल के लिए कार्यमुक्त कर दिया जाएगा।लेकिन अब तक इन पुलिस अधिकारियों को रिलीव नहीं किया जाना घोर लापरवाही प्रदर्शित हो रही है। वहीं इस विषय पर छत्तीसगढ़ के पुलिस महानिदेशक(डीजीपी) अशोक जुनेजा से उनके मोबाईल पर संपर्क किया गया तो उन्होंने मीटिंग में होने के कारण कॉल रिसीव नहीं किया।फिर पुलिस मुख्यालय के एडीजी हिमांशु गुप्ता से मोबाईल से संपर्क किया तो उन्होंने 5 मिनट में कॉल करता हूं बोलकर अपना मोबाइल रख दिया फिर 20 मिनट बाद हमारे एडिटर इन चीफ ने गुप्ता सर को फिर से मोबाइल से संपर्क करना चाहा तो उनका मोबाईल काट दिया गया।यह हाल है प्रदेश के मुख्य गृह व पुलिस विभाग में बैठे उच्च अधिकारियों का कुल मिलाकर इस स्थानांतरण पर कोई चर्चा नहीं करना चाहते हैं। पत्रकार और मीडिया के इस सवाल का जवाद देना जरूरी नहीं समझ रहे हैं तभी तो इस सवाल का जवाब के बजाय टालमटोल कर रहे हैं।इस खबर के बाद अब देखना यह है की इन स्थानानतरीत अधिकारियों को नवीन कार्य स्थल भेजते हैं कि उसी पुरानी जगह पर कार्य करने विवश किया जाएगा।