।।खबर सिद्धार्थ न्यूज से नीलकांत खटकर।।
बिलाईगढ़ 12 सितंबर 2023 । विधानसभा बिलाईगढ़ क्षेत्र क्र 43 में दावेदारी पेश करने के लिए अब समय खत्म हो चुका है। विधानसभा के तीन ब्लाक बिलाईगढ़, सरसीवां, सोनाखान से 89 दावेदारो ने अपनी दावेदारी पेश कर आवेदन पत्र ब्लाक अध्यक्षों को सौंपा था। जिसमें छंटनी पशचात ब्लाक अध्यक्षों ने संयुक्त प्रतिवेदन तैयार कर 79 दावेदारों के आवेदन पत्रों को कांग्रेस जिलाध्यक्ष सारंगढ़ बिलाईगढ़ को सौंप दिया। इन दावेदारो में प्रमुख रूप से वर्तमान विधायक संसदीय सचिव चन्द्रदेव राय, उनकी शिक्षिका धर्मपत्नी श्रीमती ममता राय, छत्तीसगढ़ किसान कांग्रेस महामंत्री व जिला पंचायत सभापति तरुण खटकर, पूर्व डिप्टी कलेक्टर अशोक कुमार घृतलहरे ,कविता लहरें,पूर्व जज कृष्ण कांत भारद्वाज, शीतल यादराम हिरवानी, अधिवक्ता जागेश्वर लहरें सहित 79 दावेदारों ने फार्म भरकर पार्टी में दावेदारी पेश कर अपने अपने स्तर पर अपनी दावेदारी मजबूत करने में लगे हुए हैं।
क्षेत्र की जनता, पार्टी के वरिष्ठ नेता कर्मठ कार्यकर्ता मीडिया जगत में जिन महत्वपूर्ण जितने लायक दमदार दावेदारो के नामों की चर्चा है उसमें वर्तमान विधायक संसदीय सचिव चन्द्रदेव राय का नाम सबसे ऊपर है अपने विधायकी कार्यकाल में उनके अथक प्रयासों से नवीन जिले का निर्माण नवीन तहसील ,राजस्व अनुविभाग,जिला सहकारी बैंक,धान खरीदी केंद्र, प्राथमिक सेवा सहकारी समिति जैसे अनेकों विकास गाथा ने बिलाईगढ में इतिहास रचा है। जो इनके पक्ष में चुनाव में फायदा पहुंचा सकता है परंतु परवर्तन निर्देशालय ED ने कोल ब्लॉक वसुली ,शराब कमिशन में जिस तरह से विधायक को अपने सिकंजे में लिया है पार्टी आलाकमान के वरिष्ठ नेता एवं विधानसभा क्षेत्र के
सैकड़ों कार्यकर्ता और क्षेत्र की जनता नाराज हैं जो पार्टी आलाकमान के लिए चिंता का विषय है जो कही भारी न पड़ जाए
ऐसे में चुनाव जीतने वाले महत्वपूर्ण दावेदारों के नाम जिस पर पार्टी आलाकमान विचार कर रही है जिसमें प्रमुख रूप से वर्तमान विधायक की धर्मपत्नी जो पेशे से शिक्षिका है बहुत ही सहज, सरल और मिलनसार है शिक्षक जगत से होने के नाते शिक्षकों का एवं विधानसभा समर्थकों का अच्छा खासा समर्थन मिल सकता है
परंतु विधायक पत्नी होने के कारण ये भी ED के रेडार में है ये भी चिंता का विषय है।
दूसरा नाम पार्टी के सबसे अनुभवी और साफ स्वच्छ छवि वाले चेहरे के रूप में तरुण खटकर का है जो कांग्रेस सरकार बनाने एवं बिलाईगढ से कांग्रेस विधायक जिताने के लिए गांव गांव घुमकर भुपेश बघेल सरकार की योजनाओ को जनता को समझाते रहें 45 वर्षीय तरुण खटकर अभी बिलाईगढ विधानसभा के सबसे अनुभवी और सक्रिय हैं 26 सालों से पार्टी से जुड़े हैं विभिन्न पदों पर रहकर दरी बिछाने से लेकर झंडा लगाने तक 15 साल के भाजपा राज में लाठी खाने, सत्तारूण भाजपा पार्टी के खिलाफ मोर्चा एवं पार्टी संगठन के सभी संगठनात्मक गतिविधियों को निष्ठापूर्वक अपना फर्ज निर्वहन करते रहे। जनता के हित से जुड़े सैकड़ों आंदोलन का इतिहास जुड़ा है पार्टी के वरिष्ठ नेताओं कार्यकर्ताओं एवं क्षेत्र की जनता शासन प्रशासन के साथ व्यवहार कुशल सुझ बुझ वाले जमीनी कार्यकर्ता सब को साथ लेकर चलने वाले और जनता की समस्याओ को बखुबी हल करने वाले के रुप में पहचान है इनके विधानसभा के लगभग सभी गांवों में जनता एवं पार्टी में कार्यकर्ताओं से अच्छा जुड़ाव है इनको विकल्प के रुप में टिकट देने से जीत का अंतर बहुत बड़ा होगा।
जानकर सूत्रों के मुताबिक अगर विधायक एवं उनकी धर्मपत्नी को टिकट नही मिलती है तो विधायक समर्थकों का समर्थन भी तरुण खटकर के पक्ष में रुख कर सकता है।तीसरा नाम अशोक कुमार घृतलहरे जो सुकली (गिरौधपुरी) के निवासी हैं जिन्होंने 36 साल तक तहसीलदार व डिप्टी कलेक्टर पद पर रहते हुए प्रशासनिक अधिकारी की दक्षता हासिल की है।वे बहुत ही सरल ,सहज स्वभाव व मिलनसार व्यक्तित्व के धनी हैं।इन्होंने अपने छात्र जीवन से लेकर अपनी सरकारी सेवाओं में रहते हुए जरूरत मंद गरीबों, छात्रों ,युवाओं ,वृद्धों और अपने समाज ही नहीं अपितु हर समाज,वर्ग को आगे बढ़ाने बखूबी योगदान दिया।भोपाल में इन्होंने अपनी सेवाएं दी, छत्तीसगढ़ राज्य के कई जिलों में कार्यरत रहें उनके प्रशानिक कार्यकाल को लोग हमेशा याद करते हैं।उनके पास जो भी गए खाली हाथ नहीं लौटा उन्होंने अपने तरफ से सबका काम किया।सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार श्री घृतलहरे जी राज्य के कई मंत्रियों के बहुत करीबी माने जाते हैं ऐसे में इनका टिकट लगभग तय माना जा रहा है।
चौथा नाम जिला पंचायत सभापति कविता लहरें का है जो कोसमकुंडा की निवासी हैं, सालों से पार्टी में लगी है सशक्त और जानकार महिला के रुप में क्षेत्र में पहचानी जाती हैं। पार्टी के कई आंदोलन में बढ़चढकर हिस्सा लिया और लाठी डंडा भी खाया।ये मृद भाषी हैं, व्यवहार कुशल है ,पेशे से पति प्राण लहरे शिक्षक हैं,इन्हें शिक्षक जगत से अच्छा खासा समर्थन मिल सकता सैकड़ों समर्थकों की फौज है जनता और कार्यकर्ताओं का अच्छा खासा जन समर्थन प्राप्त है।पांचवां नाम शीतल यादराम हिरवानी का है ये पेशे से शिक्षक होने के बावजूद 18 सालो से पार्टी की सेवा कर रहे हैं सतनामी समाज के संगठन को क्षेत्र में पहचान दिलाई है शिक्षक जगत मे अच्छा खासा समर्थन है समाजिक आधारित समाज सेवा से जुड़े हैं पार्टी के वरिष्ठ नेताओ और कार्यकर्ताओं से अच्छा खासा जुड़ाव है तेज तर्रार फायर ब्रांड नेता के रुप में पहचान है विधानसभा के हर पोलिंग बूथ में समर्थकों की फौज है साधन संपन्न हैं, अच्छे वक्ता का संचालन कर्त्ता हैं।जिनको हर वर्ग में जबरदस्त पहचान और पकड़ है।जिसके आधार पर इन्हें पार्टी टिकट दे सकती हैं। छठवां नाम कृष्ण कांत भारद्वाज का है जो पेशे से प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट के पद पर कांकेर में पदस्थ रहें इनका गांव सरसीवां के रामभाठा है।इन्होंने अपने बहुत ही महत्वपूर्ण जज जैसे पद से इस्तीफा देकर लोगों की सेवा करने राजनीति की क्षेत्र में कदम रखा है।इनके सूत्रों के अनुसार जज साहब का सीधे हाईकमान के खाश नेता से इनके संपर्क है तभी इतने बड़े ओहदे को छोड़कर राजनीति में कूदें हैं। वहीं सातवां नाम अधिवक्ता जागेसर लहरे का नाम आता है जो अपने छात्र जीवन से ही पार्टी में जुड़कर पार्टी के हर समारोह में उपस्थित होकर पार्टी को आगे बढ़ाया।लहरे जी टिहलीपाली के निवासी हैं वे भी बहुत ही सरल सहज स्वभाव के रूप में जाने जाते हैं।क्षेत्र में इनकी भी अच्छी पकड़ है।
सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि किसी भी विधानसभा क्षेत्र में 40 साल से कम उम्र के व्यक्ति को पार्टी प्रत्याशी बनाना नहीं चाहती इस कारण बहुत की टिकट तो ऐसे कट जाएगी।सबसे ज्यादा बिलाईगढ़ विधान सभा क्षेत्र से वर्तमान विधायक के बारे में आम जनता व कार्यकर्ताओं की ज्यादा शिकायते गई इसे आधार मानकर कांग्रेस अब और गलती करना नहीं चाहती।पिछले समय के विधान सभा चुनाव की अलग बात थी की जनता परिवर्तन चाहती थीं इस कारण जनमानस ने बीजेपी को किसी भी तरह से सत्ता से हटाना चाहती थी और बीजेपी के सारे वोट कांग्रेस में ट्रांसफर हुए इस कारण भी पैराशूट विधायक जीत दर्ज कर लिए।जनता ने बदलाव की भूमिका निभाते हुए किसी के चेहरा देखकर वोट नहीं दिया जनता ने सत्ता परिवर्तन के नाते केवल कांग्रेस को चुना उस समय के चुनाव में परिवर्तन की लहर से जिनको नहीं जितना चाहिए था वह भी जीत हासिल कर विधान सभा तक पहुंच गए। पिछले विधान सभा चुनाव में जीत हासिल करने में कोई परेशानी भी नहीं हुई बड़ी आसानी से ऐसे प्रत्याशी जीत गए थे। सूत्रों के मुताबिक इससे सबसे ज्यादा सरकार की छवि खराब कम उम्र के विधायकों से हुई है इस वजह से कांग्रेस पार्टी टिकट किसको देना चाहिए इसका मंथन कर रही है ।ऐसे प्रत्याशी जो सब से तालमेल बिठा कर चल सके । प्रत्याशी चयन को लेकर पार्टी बहुत गंभीर लग रही है और फूंक फूंक कर कदम रख रही है। 2018 का चुनाव और 2023 का चुनाव में काफी फर्क है। पिछले चुनाव में परिवर्तन की लहर से कांग्रेस पार्टी जीती थी हाला की इस बार भी छत्तीसगढ़ की जनता कांग्रेस को पुनः अवसर देकर अधूरे कार्य को पूरा करने फिर से सरकार बनाना चाहती है।
आपको बता दें कि अपरिपक्व (40 से कम उम्र) विधायकों की कार्यप्रराणी से जनता,कार्यकर्ता ,सरकार तक नाराज रहे। कम उम्र के जन प्रतिनिधि ज्यादा अनुभवी नहीं होते हैं,वे अपने पद अनुसार छोटे बड़े को कैसे बात करनी है ?? मीडिया के लोगों के साथ कैसा व्यवहार बनाकर रखना है ये सब उनको पता नहीं होता ?? कार्यकर्ता, जनता,अधिकारी,कर्मचारी के साथ किस तरह व्यवहार करना है ये भी पता नहीं होता और ऐसे जन प्रतिनिधि अपने पद का भी दुरुपयोग कर देते हैं इस वजह से लोग ऐसे विधायकों से दूरियां बना लेते हैं और इसका गलत मैसेज सरकार से लेकर आलाकमान तक पहुंच जाता है इस कारण परेशानी का कारण बन जाता है।सूत्रों की मानें तो उक्त नामों के अलावा कुछ और के नाम हैं पर विधानसभा से बाहरी एवं अपरिपक्व होने के कारण पार्टी के नेता कार्यकर्ता और जनता स्वीकार नही कर पाएंगे इसलिए पार्टी आलाकमान बाहरी और पैराशूट दावेदारों पर दाव लगाने का रिस्क नही लेना चाहती और जिताऊ उम्मीदवार के नामो को ही पैनल में भेजना चाहती है।