
।।भाग 1 समसमायिक/ राजनीतिक विश्लेषण सिद्धार्थ न्यूज से नीलकांत खटकर।।
नई दिल्ली/ रायपुर (छ ग) 11 सितंबर 2023 । भारत में विधान सभा चुनाव व लोक सभा चुनाव करीब है। हर पार्टी के शीर्ष नेता,पार्टी सुप्रीमो घर बार ,बंगला छोड़कर अपनी पार्टी की जीत के लिए,पार्टी की साख बचाने के लिए,अधिक से अधिक सीट हासिल करने के लिए अपने कार्यकर्ता से, गरीबों,पिछड़ों से,आदिवासियों से ,आम जनता से मिलकर वर्तमान में किन किन परिस्थितियों से वे गुजर रहे हैं उससे रूबरू होने लगातार जन संपर्क बनाएं हुए हैं ताकि अपनी अपनी पार्टी को अधिक से अधिक वोट हासिल हो सहे।अन्य पार्टी के साथ साथ बसपा के कार्यकर्ता दबी जुबान यह पूछ रहे हैं की बहन जी राज्यों का दौरा क्यों नहीं कर रही है? क्या किसी पार्टी के सुप्रीमो को बंगले में,घर में बैठे बिठाए वोट मिल जाएगा ? सीटें मिल जाएगी,सरकार बना सकती है?? ये तमाम सवाल अब उनके जेहन में उठने लगे हैं।सूत्रों का कहना है की बसपा यदि भारत में अपनी खोई हुई वोट,साख बचाना चाहती हैं तो उन्हें घर से बाहर सड़कों पर उतरना होगा। लोगों से मिलकर जनसमर्थन जुटाने का पूर जोर कोशिश करना होगा तभी पार्टी को सफलता मिलेगी अन्यथा सिर्फ अन्य सामान विचार धारा वाली पार्टी का वोट काटकर बीजेपी की झोली में वोट डालने का ही आप पर निरंतर आरोप लगेगा। जिस पार्टी को बसपा दुश्मन पार्टी समझती है वह देश में राज करके दलितों, आदिवासियों,पिछड़ो ,देश की आम जनता का शोषण करने का प्रस्ताव बना रही हैं और आप इस तरह हाथ में हाथ धरे बैठना क्या संत महापुरुषों व देश के अपने समुदाय के लिए न्यायोचित है?? ऐसे जो आरोप लग रहा है ऐसे आरोपों से बचाने,अपनी पार्टी की साख बचाने मैदान में आपको विरोधियों से डटकर मुकाबला करना होगा। तभी सफलता मिल पाएगी। ताकि पूरे देश में दलित, पिछड़ों,आदिवासियों ,अल्पसंख्यकों से अधिकार खत्म होने से बचाया जा सकें यह काम आपके अलावा कोई नहीं कर सकता आप पर बहुजन समाज पूरी तरह से आश्वस्त हैं आप पर पूरा भरोसा रखें हुए हैं की बहन जी जंग में उतरे और दुश्मनों से लोहा लेकर अपने समाज,आम जनता के अधिकार व संविधान को सुरक्षित रखेंगे।
अभी बीजेपी द्वारा देश में नया संविधान लाने ,पुरानी मनु स्मृति को फिर से बहाली करने , इंडिया को भारत नाम देने 14 हजार करोड़ रु खर्च करने तैयार है जैसी सूत्रों के हवाले से खबरें आ रही है यह खबरें क्या आप तक नहीं पहुंच पाई है जो हाथ में हाथ धरे बैठे हुए हैं और अपने गिने चुने कुछ नेताओं के हवाले पार्टी को छोड़ दिए हैं।क्या इन नेताओं के हवाले वोट प्राप्त होगा,समाज एकजुट होंगे यह बहुत बड़ा सवाल है।इन सवालों के जवाब बहुजन समाज के जेहन में हैं। इसके लिए आपको कमर कसकर मैदान में उतरना होगा आप यह कभी न सोचें की आप अकेली हैं आपके साथ तो पूरे देश वासी हैं,बहुजन समाज है फिर डर किस बात की है।आप यह न सोचें ऐसा करूंगी तो ईडी,आईटी, सीबीआई, मुझे जेल भेज देंगे आप राजनीतिक अखाड़ा में कूदे हैं तो ये सब डरेंगे तो अपने हक अधिकार कैसे मिलेगा?? बहन जी आप एक विशाल समुदाय वर्ग की चहेती हैं आप सबके आंख के तारे हैं क्या अपने समुदाय के लिए जेल नहीं जा सकती?कौन सा नेता है जेल नहीं गए जो भी गए उनकी पार्टी तेजी से उबरी है यह बात भी सच है। देश में वह कौन नेता है जो अपने लोगों के हक अधिकार के लिए जेल न गया हो? आप किसी चीज से न डरिए आपके साथ पूरे भारत के करोड़ों लोग खड़े हैं ।देश में जिस दिन आप जेल जाओगे उस दिन पूरे देश में भूचाल मच जाएगा,हाहाकार मच जाएगा पार्टी से जो नाराज कार्यकर्ता,नेता हैं अलग थलक पड़े हुए हैं वे सभी आपके साथ खड़े होकर पार्टी में फिर से जान भर देंगे ,आपके साथ हर वर्ग के लोग खड़े हो जाएंगे फिर से बसपा का जो बिखराव वोट है वह आपकी झोली में आकर हर राज्यों में आपके अधिक से अधिक विधायक,सांसदों की संख्या बढ़ जाएगी फिर न आपके संविधान को छेड़ पाएगा, न आपके लोगों के साथ अन्याय ,अत्याचार कोई कर पाएगा ।दुश्मन आपसे लोहा लेने के लिए डरेंगे। आगमी लोक सभा चुनाव में यदि फिर से केंद्र में बीजेपी पूर्ण बहुमत से सांसद में बैठती है तो निश्चित ही ये सभी फरमान लागू हो जाएंगे । बसपा पार्टी की जो बहुजन सुखाए बहुजन हिताय का को उद्देश्य है उस पर भी विराम लग जाएगा।फिर बाद में पार्टी ये न कहें की मीडिया ने ,आम जनता ने,पार्टी के कार्यकर्ताओं ने बसपा को तो कोई सुझाव नहीं दिया था।बसपा के साथ साथ जो अन्य पार्टी के दलित, पिछड़ों,आदिवासी,अल्पसंख्यक के लोग जो बसपा को अंदर बाहर से चाहते हैं इन सूत्रों ने बसपा को वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए सभी समान विचार धारा वाली पार्टीयों को गठबंधन कर एक दूसरे के विचार को समझते हुए , पुरानी बातों को भूलकर नए सिरे से कम से कम अपने लोगों के हक, अधिकार के लिए ,संविधान की सुरक्षा के लिए हर राज्य के विधान सभा व लोक सभा चुनाव में इंडिया नाम का जो विपक्ष पार्टियां महा गठबंधन बनाई है उसमें शामिल होने का लगातार सुझाव आ रहा है।बहुजन समाज के लोगों को भरोसा है की मनुवादियों को धूल चटाने आप इस पर गौर करते हुए, विचार विमर्श कर इस ओर तत्काल पहल करेंगे।
केन्द्र की मोदी सरकार जो बार बार अपने सूत्रों के हवाले यह कह रही हैं की आगामी समय में भाजपा की सरकार आते ही, देश की बागडोर संभालते ही यहां नया संविधान,नई मनुस्मृति लागू की जाएगी,आरक्षण खत्म करने की जो बातें कही जा रही हैं बीजेपी के इस तुगलकी फरमान से जो वर्तमान समय में शोषित वर्ग सहमे व डरे हुए हैं इससे लगता है की अब हर राज्यों में देश के प्रमुख पार्टी जो सांसद से सड़क तक ,कश्मीर से कन्याकुमारी तक भारत जोड़ों यात्रा से लोगों को एकजुट कर रहे हैं,समर्थन मांग रहे हैं सभी पुरानी बातों को भूलकर उनके साथ गठबंधन कर शोषित समाज और आम जनता को बचाने उनके अधिकारों,संविधान को बचाने अब कांग्रेस,सपा, आरजेडी सहित तमाम समान विचार धारा की पार्टियों से साथ चुनाव लड़कर बीजेपी को उखाड़ फेंकने की तरकीब अपनाना चाहिए अन्यथा स्वयं भुगतने और शोषितों को भुगतने उन्हें उनके हालात में छोड़ दें । आप लोगों से ये सब नहीं होता है तो सब शोषित,दलित, पिछड़ों की हमदर्द पार्टियां चुनाव मैदान छोड़कर चुपचाप अपने अपने घरों में बैठ जाना चाहिए कम से कम वे पार्टियां जो शोषित वर्ग, किसानों के लिए,पिछड़ों के लिए, आदिवासियों के लिए जो काम करना चाहती है उन्हें यह कार्य करने का अवसर प्राप्त हो सके।इससे कम से कम बीजेपी को तो हार का सामना करना पड़ेगा।
बीजेपी को विभिन्न राज्यों में हराने का 2 ही मूल मंत्र है पहला गठबंधन करें या मैदान छोड़ कर चुचाप घर में बैठ जाएं। ऐसे भी अधिकांश का कहना है की सामने चुनाव है बहन जी घर में क्यों बैठी हैं ? आखिर वे किससे डर रही हैं? क्या उनके जेल जाने से बसपा पीछे हो जाएगी?? ये तमाम सवाल उनके चाहने वालों के मन में उठ रहा है। क्या उनको मान्यवर कांशीराम द्वारा समाज जोड़ों के तहत पूरे देश में जो साइकिल यात्रा कर अनुसूचित जाति, जन जाति, पिछड़ों वर्ग,सामान्य वर्ग ,अल्पसंख्यक समुदाय को जोड़ने का जो प्रयास किया उसे भूल गईं?? क्या अब कांशीराम के कारवां को आगे बढ़ाने मैदान में नहीं उतर सकती ?? क्या उनका मकसद पूरा हो गया है?? क्या देश में जन्में संत महापुरुषों कबीर,गौतम बुद्ध,रविदास, बाबा गुरु घासीदास, साहू महाराज, पेरियार रामास्वामी, ज्योतिबा राव फूले, लल्लाई सिंह यादव, बाबा साहेब डॉ भीमराव अंबेडकर,कांशीराम के सपने पूरे हो गए जो घर में बैठकर इतने बड़े वर्ग का नेतृत्व घर में बैठ कर चुनाव का संचालन कर रही है ?? अब बहन जी किस समय का इंतजार कर रही है ये सब वहीं जानें ??
यह खबर सैकड़ों लोगों की राय लेकर , महीनों पड़ताल करके हमारे न्यूज के एडिटर इन चीफ ने बसपा को अंदर बाहर से चाहने वाले लोगों से मिलकर जानकारी हासिल की है।क्रमशः,,,,,,,,,,,आगे और ही है बने रहें हमारे साथ।