Home बड़ी खबर स्वास्थ्य अमले की हड़ताल से अस्पतालों की व्यवस्था ठप्प। ।छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य फेडरेशन ने अपनी प्रमुख लंबित मांगों को लेकर एसडीएम को सौंपा ज्ञापन।।

स्वास्थ्य अमले की हड़ताल से अस्पतालों की व्यवस्था ठप्प। ।छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य फेडरेशन ने अपनी प्रमुख लंबित मांगों को लेकर एसडीएम को सौंपा ज्ञापन।।

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स्वास्थ्य अमले की हड़ताल से अस्पतालों की व्यवस्था ठप्प। ।छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य फेडरेशन ने अपनी प्रमुख लंबित मांगों को लेकर एसडीएम को सौंपा ज्ञापन।।

।। खबर सिद्धार्थ न्यूज से नीलकांत खटकर।।

 

रायपुर/बिलासपुर/ जांजगीर 23 अगस्त 2023 । छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य फेडरेशन के चिकित्सक , स्टॉफ नर्स,ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजकों ने अपनी लंबित मांगों को लेकर पिछले 21 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चल रहे हैं जिससे प्रदेश भर के सरकारी अस्पतालों में व्यवस्था चरमरा गई है।प्रदेश के हर जिलों में कर्मचारी अपने 20 साल के लंबित मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं,अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं।स्वास्थ्य अमले के हड़ताल में चले जाने से मरीजों को इलाज के लिए भटकना पड़ रहा है।जिलों में आने वाले समय में पोस्टमार्टम, एमएलसी जैसी सुविधाएं प्रभावित हो सकती है। विभाग के आंदोलनरत कर्मचारी अधिकारी का आरोप है की शासन इनकी मांगो की अनदेखी कर रहा है। इन्हें समान काम का समान वेतन नहीं मिल रहा है।

इन्हें इनकी योग्यता और कार्य के अनुरूप ग्रेड पे नहीं मिल रहा है जबकि 12 वीं के बाद 6 माह, एक साल, डेढ़ साल के प्रशिक्षण प्राप्त कार्यरत कर्मचारी जैसे रेडियोग्राफर प्रशिक्षण अवधि 6 माह , लैब टेक्नीशियन प्रशिक्षण अवधि 1 साल,नेत्र सहायक अधिकारी प्रशिक्षण अवधि 1 – 2 साल जिन्हें वेतनमान 5200 – 20200 ग्रेड पे 2800 वहीं ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक ANM/ MPW 12 वी के बाद प्रशिक्षण अवधि 1 साल से डेढ़ साल को 5200 – 20200 ग्रेड पे 2200 जो की केंद्र व राज्य सरकार की 30 से ज्यादा कार्यक्रमों को सफलता पूर्वक ग्रामीणों को दिन रात सेवाएं दे रहें हैं , वहीं स्टॉफ नर्स जो 12 वी के बाद 3 से 4 साल अवधि का कोर्स करके नौकरी में पदस्थ होते उन्हें 6 माह अवधि वाले कर्मचारी के समान ग्रेड पे 2800 दिया जा रहा है , इन्होंने अपना पद नाम नर्सिंग ऑफिसर की भी मांग की है ।इस असमान वेतन निर्धारण को लेकर कर्मचारियों में आक्रोश व्याप्त हैं।संघ के प्रदेश अध्यक्ष टार्जन गुप्ता ने हमारे एडिटर इन चीफ को बताया की जब तक सरकार हमारी प्रमुख लंबित मांगों का निराकरण नहीं करेगी तब तक आंदोलन जारी रहेगा।इस असमान वेतन से हमें पिछले 20 साल से हर माह मिलने वाले वेतन पर करीब 10 से 15 हजार रू का नुकसान हो रहा है। गुप्ता जी ने कहा की शासन की पिंगुआ कमेटी ने वेतन विसंगति हेतु प्रस्ताव पर सहमति व्यक्त कर स्वीकृति के लिए प्रस्ताव भेजे हैं सरकार अनदेखी कर रही है,सामान्य प्रशासन विभाग के डॉ कमलप्रीत सिंह की अध्यक्षता में वेतन विसंगति को स्वीकार कर विभाग से बजट सह अभिमत के साथ जानकारी मांगी है जो पैंडिग है,इन्होंने आगे कहा की विगत मार्च 2022 में स्वास्थ्य संयोजक कर्मचारियों द्वारा किए गए आंदोलन के स्थगन के समय माननीय मुख्यमंत्री के आश्वासन अनुसार विभाग द्वारा वेतनमान के प्रस्ताव अभी तक लंबित है,दिनांक 21 मार्च 2022 को प्रस्ताव क्र 84/2022/270 जो संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं ने शासन को प्रेषित किया है जो की लंबित है,राज्य प्रशासनिक आयोग द्वारा कर्मचारियों के वेतनमान संशोधन हेतु शासन को प्रस्ताव प्रेषित किया गया है जो आज तक लंबित है कहा,वर्तमान कांग्रेस सरकार के घोषणा पत्र में वेतनमान संशोधन करने की मांग शामिल है इसके बावजूद सरकार चुप्पी साधी है,अन्य विभाग जैसे पटवारी,सहायक शिक्षक,ग्राम सेवक और उद्यानिकी विभाग के कर्मचारियों का वेतनमान संशोधित किया गया है तो हमारा क्यों नहीं किया जा रहा है कहा।

22 अगस्त को जांजगीर में हुए धरना प्रदर्शन में निम्नांकित अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे – सीआईडीए के प्रांताध्यक्ष डॉ इकबाल हुसैन,पामगढ़ ब्लॉक अध्यक्ष डॉ हेमंत लहरे,डेंटल सर्जन संघ के डॉ रमेश पैगवार,जांजगीर rho संघ के जिला अध्यक्ष तरुण राठौर, छ ग परिचारिका संघ के जिला अध्यक्ष मधु साहू,प्रदेश महामंत्री मंजू रावत,जांजगीर नर्सेस संघ से समिता नंद,प्रांतीय सचिव विक्रांत धीवर,संभागीय सचिव श्रीमती कृष्णा सोनी,जिला उपाध्यक्ष देवलाल बंजारे,लेखन आजाद,जय कुर्रे, सीएस जगत, दिलीप गंधर्व,अमित बंजारे,भूपेंद्र भारद्वाज, आर जी भारद्वाज,दिनेश साहू,चंद्र कला शर्मा, विमला खटकर, सुरती जांगड़े,मीरा टंडन,पुष्कर साहू,लक्ष्मीनारायण मौर्य।