Home बड़ी खबर स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सकों व नर्सिंग संवर्ग अपनी लंबित मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल 21 अगस्त से रायपुर में।

स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सकों व नर्सिंग संवर्ग अपनी लंबित मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल 21 अगस्त से रायपुर में।

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स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सकों व नर्सिंग संवर्ग अपनी लंबित मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल 21 अगस्त से रायपुर में।

।।खबर सिद्धार्थ न्यूज से नीलकांत खटकर।।

 

रायपुर 19 अगस्त 2023 । छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य फेडरेशन के चिकित्सक , स्टॉफ नर्स,ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजकों ने अपनी लंबित मांगों को लेकर आगामी 21 अगस्त को अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का निर्णय ले लिया है। आपको बता दें की फेडरेशन ने 1 अगस्त 2023 को अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य एवम परिवार कल्याण विभाग नवा रायपुर को मांग पत्र सौंपा था, 11 अगस्त 2023 को एक दिवसीय सांकेतिक प्रांतव्यापी आंदोलन किया था और अब 21 से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चलते जायेंगे। आज 19 अगस्त हो गया अनिश्चितकालीन हड़ताल होने में आज और कल तक का समय है।सूत्रों के अनुसार आजकल में यदि शासन प्रशासन द्वारा इनके सभी प्रमुख लंबित मांगों में कोई ठोस निर्णय या मांग लागू किया जाता है तो फेडरेशन हड़ताल स्थगित कर सकता है अन्यथा इनके हड़ताल में चले जाने से पूरे प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाएं ठप्प पड़ जायेंगे चूंकि इस बार अस्पताल के जिम्मेदार कहे जाने वाली प्रमुख धुरी जो जिला अस्पताल,सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वाथ्य केंद्र में पदस्थ चिकित्सक,स्टॉफ नर्स व मैदानी इलाकों में कार्यरत ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक पुरुष/महिला सहित कई स्वास्थ्य संवर्ग के अधिकारी कर्मचारी अनिश्चिकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे जिससे पूरे प्रदेश के स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा जाएगी।इनके हड़ताल में चले जाने से मरीजों का क्या हाल होगा यह तो शासन और प्रशासन ही जाने चूंकि इसके जिम्मेदार तो यहीं है।यदि समय पर इनकी प्रमुख लंबित मांगों का निराकरण कर दिया होता तो हड़ताल की स्थिति निर्मित नहीं होती।

गौरतलब है कि स्टॉफ नर्स कर्मचारी विगत जून 2018 में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चली गई थी ।इस आंदोलन में पूरे प्रदेश की स्टॉफ नर्स शामिल हुई थी।इनकी प्रमुख मांगे में ग्रेड 2 का दर्जा देने, 4800 ग्रेड पे देने और पद नाम नर्सिंग ऑफिसर जैसे प्रमुख मांग थी।बीजेपी सरकार ने आंदोलनरत नर्सों से 45 दिन अवधि में मांग पूरी करने का आश्वासन दिया था आश्वासन के बाद भी वे आंदोलन में डटे रहे इन्हे जेल भेजी गई उन्हें तमाम प्रकार की यातनाएं दी गई तत्पश्चात आंदोलन खत्म हुआ था लेकिन आज 5 साल होने को है इनकी मांग पूरी होते नहीं दिखी।संघ बीच बीच में छत्तीसगढ़ के वर्तमान सरकार मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव को मांग पत्र सौंपा लेकिन आज पर्यंत इनकी मांगो पर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया जबकि जून 2018 को नर्सेस की हुई हड़ताल में वर्तमान सीएम भूपेश बघेल,स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने इनको दिलासा और आश्वाशन दिया था कि हमारी कांग्रेस की सरकार बनते ही आप लोगों की सभी मांगों को मान ली जाएगी लेकिन कांग्रेस की सरकार का कार्यकाल मुश्किल से डेढ़ माह शेष है अभी तक इनकी कोई भी मांग पूरी नहीं हुई है। नर्स एसोसियेशन रायपुर की अध्यक्ष डॉ रीना राजपूत व मेकाहारा रायपुर नर्सेस प्रमुख नीलिमा शर्मा का कहना है की अभी 5200- 20200 वेतनमान, 2800 ग्रेड पे का वेतन मिल रहा है।इन्होंने बताया कि अन्य राज्यो जैसे तमिलनाडु,पंजाब, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश,बिहार, मणिपुर,केरल, मेघालय सहित कई अन्य राज्यों में 9300+34800 वेतनमान और 4600 रू ग्रेड पे पर वेतन दिया जा रहा है जबकि एक ही समान डिग्री ,डिप्लोमा प्राप्त छत्तीसगढ़ के स्टॉफ नर्स को उपेक्षित वेतन दिया जा रहा है।कई प्रदेशों, अधिकांश केंद्रीय अस्पतालों में पदस्थ स्टॉफ नर्स का पदनाम नर्सिंग ऑफिसर कर दिया गया है वे सम्मानजनक वेतन भी पा रहें हैं तो छत्तीसगढ़ सरकार इनकी मांगो को पूरी करने में आनाकानी क्यों कर रही है जबकि इनकी ये लंबित मांगे 15 से 20 साल पुरानी है ऐसे में नाराजगी स्वाभाविक है।

वहीं स्वास्थ्य संयोजक कर्मचारी अपने वेतन विसंगति को दूर करने 2200 से 2800 ग्रेड पे कि मांग को लेकर संघर्षरत है एवं कांग्रेस सरकार के समय 47 दिवस के अनिश्चितकालीन हड़ताल कर अपनी मांगों को लेकर अड़े हुए थे, जिसमें प्रदेश के 1262 कर्मचारी को बर्खास्तगी का सामना भी करना पड़ा था।फेडरेशन की प्रमुख मांगो में चिकित्सकों व कर्मचारियों के वेतन विसंगति दूर करने,मुख्यमंत्री के घोषणा अनुरूप कोरोना काल में सेवा देने वाले चिकित्सक,स्वास्थ्य कर्मचारियों को कोरोना भत्ता प्रदान करने,अन्य विभाग के तुलना में स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सकीय अमला 132 दिन ज्यादा कार्य करते हैं जिसका अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि का भुगतान करने,मरीजों की अत्यधिक संख्या के कारण अमलों को अतिरिक्त कार्य करना पड़ रहा है सेटअप रिवाइज कर रिक्त पदों की यथाशीघ्र भर्ती किया जाएं,चिकित्सकीय अमलों को लगातार हिंसा की घटनाओं से जूझना पड़ता है इसके लिए संबंधित पर तत्काल एफआईआर दर्ज हों,हिंसाकारित आरोपियों पर मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट के तहत 24 घंटे के अंदर गिरफ्तार कर कार्यवाही की जाएं,पीड़ित अधिकारी कर्मचारी को अवकाश की पात्रता हो और समस्त स्वास्थ्य संस्थाओं में गार्ड की नियुक्ति हो।