कांशीराम साहब छत्तीसगढ़ नहीं आते तो ओबीसी के बीजेपी,कांग्रेस नेता केवल दरी बिछाने का काम करते।। चरणदास महंत पार्षद भी नहीं बन पाते। उनके अनर्गल बातों से बहुजन समाज नाराज हैं अध्यक्ष महोदय माफी मांगें – बसपा अध्यक्ष हेमन्त पोयाम।

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रायपुर 13 अगस्त 2023 । किसी न्यूज चैनल को बाईट देते हुए छत्तीसगढ विधानसभाध्यक्ष श्री चरणदास महंत जी ने कहा कि मान्यवर कांशीराम साहब ने छत्तीसगढ में आकर एस.सी, एस.टी, ओबीसी के बीच में तोड़फोड़ किया। बसपा प्रदेश अध्यक्ष हेमन्त पोयाम ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया की विधान सभा अध्यक्ष श्री महंत जी के इस बयान से बहुजन समाज नाराज और आक्रोशित हैं इस बयान से उनकी अज्ञानता और एहसानफरामोशी प्रदर्शित हो रही है ! आगे उन्होंने कहा कि मान्यवर कांशीराम जी छत्तीसगढ नहीं आते तो श्री चरणदास महंत जी आज छत्तीसगढ विधानसभाध्यक्ष नहीं होते। विधायक,सांसद तो दूर की बात है वो अपनी जिन्दगी में एक पार्षद भी नहीं बन पाते।आज चाहे चरणदास महंत हों या कोई भी ओबीसी समाज के नेता हो अगर उनको कांग्रेस, भाजपा जैसी पार्टियों में विधायक,सांसद का टिकट मिलता है, और मंत्री,मुख्यमंत्री बनने का भी अवसर मिलता है तो सिर्फ और सिर्फ मान्यवर साहब कांशीराम जी और बहुजन समाज पार्टी की वजह से मिलता है। देखे विडीओ विधानसभा अध्यक्ष चरण दास महंत ने क्या कहा है – मान्यवर के बारे में जिससे बसपा में आक्रोश है https://youtu.be/eyjJI7C6r5I


पोयाम जी ने कहा की जब मान्यवर कांशीराम साहब 1984-85 में छत्तीसगढ आये तो उन्होनें देखा कि कांग्रेस और बीजेपी सें रिजर्व सीटों पर अनुसूचित जाति और जनजाति के लोग तो सांसद बन जाते थे लेकिन जनरल सीटों पर किसी भी ओबीसी समाज के व्यक्ति को कांग्रेस पार्टी टिकट नहीं देती थी। ये बेचारे कांग्रेस पार्टी में केवल दरी बिछाने का काम करते थे।जब मान्यवर कांशीराम साहब ने गांव गांव घूमकर एस.सी,एस.टी समाज और ओबीसी,अल्पसंख्यक समाज के लोगों को जोड़ने का अभियान शुरु किया। ओबीसी समाज के लोगों को भारतीय संविधान के आर्टीकल 340, काका कालेलकर आयोग और मंडल आयोग के बारे में समझाने का काम किया कि किस तरह से कांग्रेस पार्टी नें ओबीसी समाज को राजनीति की मुख्य धारा से दूर करने का काम किया। मान्यवर कांशीराम साहब की मेहनत से ओबीसी समाज में भी जागरुकता आने लगी और वे अपने हक-अधिकार को समझने लगे और कांग्रेस,भाजपा जैसी पार्टियों पर भी दबाव बनने लगा कि अगर हमने ओबीसी को महत्व नहीं दिया तो ये हमारी गुलामी करना छोड़कर कहीं मान्यवर कांशीराम साहब के बसपा के साथ न जुड़ जायें। इसी डर से कांग्रेस,भाजपा पार्टी ओबीसी समाज के लोगों को भी जनरल सीटों से टिकट देना शुरु किया और आज बहुजन समाज पार्टी, मान्यवर कांशीराम साहब और माननीया बहन कु. मायावती जी के दबाव में मजबूरी में एक अनुसूचित जाति के व्यक्ति को अपनी पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष, छत्तीसगढ में ओबीसी को मुख्यमंत्री और ओबीसी चरणदास महंत को विधानसभाध्यक्ष बनाने का काम किया है। ऐसे में चरणदास महंत के द्वारा 21 वीं सदी के बहुजन महानायक मान्यवर साहब कांशीराम जी के बारे में इस तरह की टिप्पणी करना उनकी अज्ञानता और कांग्रेस पार्टी के प्रति उनकी चाटुकारिता को दर्शाती है।बहुजन समाज पार्टी छत्तीसगढ इकाई चरणदास महंत के इस बयान की कड़ी निन्दा करती है। और उनके इस बयान से छत्तीसगढ सहित पूरे देश के बहुजन समाज में काफी आक्रोश है। इसके लिए चरणदास महंत जी को बहुजन समाज से माफी मांगनी चाहिए।

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