7 साल नक्सल क्षेत्र में सेवा कर चुकें पुलिस उप निरीक्षकों को छ ग पुलिस मुख्यालय ने पुनः नक्सल क्षेत्र स्थानांतरण करने से कर्मचारियों में रोष व्याप्त,,,तत्काल स्थानांतरण में संशोधन कर सामान्य जिलों में पदस्थापना की मांग की।

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।। खबर सिद्धार्थ न्यूज से नीलकांत खटकर।।

 

रायपुर 30 जुलाई 2023 । पिछले हफ्ते छ ग के पुलिस महानिदेशक ने नक्सल क्षेत्र के उप निरीक्षकों की सैंकड़ों की संख्या में स्थानांतरण सूची जारी की जिससे कर्मचारियों ने नाराजगी जताते हुए तत्काल सामान्य जिलों में पदस्थापना करने की मांग की है।आपको बतला दें की अभी हाल ही में पुलिस मुख्यालय रायपुर द्वारा 500 से ज्यादा उप निरीक्षकों के नक्सल क्षेत्र से पुनः नक्सल क्षेत्र में स्थानांतरण का आदेश जारी कर दिया जिससे कर्मचारियों में आक्रोश व्याप्त हैं। कईयों हताश,नाराज उप उप निरीक्षकों ने सिद्धार्थ न्यूज के चीफ एडिटर को नाम न छापने की शर्त पर बताया कि वर्ष 2013 में भर्ती होकर वर्तमान में उत्तर बस्तर कांकेर में पदस्थ रहे 27 जुलाई 2023 को पुलिस मुख्यालय ने नियमों की धज्जियाँ उड़ाते हुए पुनः नक्सल क्षेत्र में स्थानांतरण किए जाने से काफी मुसीबत में फंस गए हैं । यहां तक कि 5 से 7 साल नक्सलगण में सेवाएं देने वाले उप निरीक्षकों को भी उत्तर बस्तर कांकेर से पुनः नक्सली जिला सुकमा में कर दिया गया । ऊपर से पुलिस मुख्यालय द्वारा पहले से ही उच्च न्यायालय बिलासपुर में कैविवेट दायर कर दिया है ताकि उक्त पीड़ित अधिकारी कोर्ट से सामान्य जिलों में पदस्थापना करने याचिका दायर न कर सके।इस कार्यवाही से नाराज उप निरीक्षकों ने छ ग सरकार और पुलिस मुख्यालय के आला अधिकारियों की इस तानाशाही रवैया से बेहद नाराजगी जताई।

इन्होंने बताया कि 2014 में छ ग सरकार और पुलिस मुख्यलय ने पदस्थापना को लेकर एक निति निर्देश बनाया गया जिसमें स्पष्ट उल्लेख किया गया है कि दुर्गम अनुसूचित क्षेत्र में कम से कम 2 वर्ष तक अथवा सामान्य अनुसूचित क्षेत्र में कम से कम 3 वर्ष तक सेवाएं देने होंगे।पुलिस मुख्यालय रायपुर ने खुद नीति नियम बनाकर नियमों को ताक में रखते हुए नियमों की खूब धज्जियाँ उड़ा दी उप निरीक्षकों में चुनाव पूर्व सामान्य जिलों में पदस्थापना करने की उम्मीद में बैठे थे लेकिन पुलिस मुख्यालय ने इनकी आशाओं पर पानी फेर दिया किसी के बीमार बच्चा इलाज के लिए तरस रहा है तो किसी के बच्चों की पढ़ाई के लिए, किसी के वृद्ध माता पिता अपने बेटे के सामान्य जिलों में आने का इंतजार कर रहे थे इस आदेश पर न सरकार ने कुछ कहा न विभाग ने इनकी पीड़ा नहीं सुनी आंख बंद करके बिना सोचे समझे नीति नियमों को दरकिनार कर इन्हें पुनः जानबूझकर नक्सल क्षेत्र भेजे गए। इन सैकड़ों परेशान हैरान पुलिस उप निरीक्षको ने बस्तर संभाग को छोड़कर अन्य संभाग के सामान्य जिलों सहानुभूति पूर्वक विचार करते हुए स्थानांतरण आदेश में संशोधन करने की मांग की है।

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