कसडोल। विकासखण्ड अंतर्गत विभिन्न धान खरीदी केंद्र में कुल 2 करोड़ 25 लाख रुपये की लागत से टेंडर हुये ठेकेदारी में बन रहे धान व खाद रखने के लिए गोदाम भवन का निर्माण कार्य अभी प्रगति पर चल रहा है।जहाँ समीपस्थ ग्राम पंचायत पिसीद में गौठान के समीप पंचायत द्वारा प्रस्तावित धान मंडी के लिए आरक्षित भूमि पर 25 लाख रुपये की लागत से हाउसिंग बोर्ड महासमुंद की कार्य एजेंसी में धान और खाद रखने के लिए गोदाम भवन का कार्य अभी प्रगति में चल रहा है।उक्त गोदाम भवन में इंजीनियर और ठेकेदार द्वारा मिलीभगत कर उपयोग में लाये जा रहे कम मटेरियल और गुणवत्ताहीन सामग्रियों का जमकर इस्तेमाल किया जा रहा है।इस गोदाम भवन के बारे में शुरू में प्रारंभ से ही ग्रामीणों द्वारा बताया जा रहा है कि निर्माणधीन भवन में हल्के रॉड, घटिया ईंट,गुणवत्ताहीन सीमेंट व खोदे गए नीव के कॉलम में कम मात्र में छड़ का उपयोग हो रहा है।जिसका प्रमुखता से समाचार पत्रों में भी प्रकाशन हुआ था।आज यह गोदाम भवन छत लेबल तक बनकर तैयार हो चला है,जहाँ सामने की शटर लेबल तक ही कालम और बीम लगाया गया है।पीछे की दीवालों पर हल्के रॉड डालकर कुपिंग मात्र कर खानापूर्ति की जा रही है।भवन की मुख्य द्वार की गेट में लागये गए घटिया शटर और दीवालों में रॉड मात्र से खिड़की लगाया गया है।ग्रामीणों ने बताया कि शुरू में ही मापदंड के अनुसार इस भवन का स्ट्रक्चर तैयार नहीं किया गया है जिसके चलते यह भवन कब तक सही सलामत रहेगा यह तो भगवान ही जाने।ये सब ठेकेदार द्वारा संबंधित इंजीनियर एसडीओ की मिलीभगत से भ्रष्टाचार चरम पर है,शासकीय राशि का जमकर बंदरबांट किया जा रहा है।इस गोदाम भवन निर्माण संबंधित ठेकेदार द्वारा सूचना बोर्ड भी नहीं लगाया है जिससे आमजन को कोई जानकारी प्राप्त हो सके।ठेकेदार द्वारा मनमानी पूर्वक काम कराया जा रहा है।जानकारी के लिए सहकारिता सीईओ भारतद्वज को फोन किया तो फोन की घंटी बजती रही लेकिन फोन रिसीव नहीं किया।तत्पश्चात फ़ूड इस्पेक्टर और आरईएस इंजीनियर से जानकारी साझा की लेकिन इस निर्माणधीन बिल्डिंग की माली हालत देख एक-दूसरे के संबंधित विभाग द्वारा काम कराने की बात करते हुए(खाद्य विभाग और आरईएस विभाग)इंजीनियर और ठेकेदार का नाम नहीं बता पाए।जिससे यह साबित होता है कि इस गुणवत्ताहीन बिल्डिंग की जिम्मेदारी लेने वाला कोई सामने नहीं आ रहा।आखिर किसके रसूख से भवन का काम कराया जा रहा है जिसके चलते अधिकारी जानकारी देने से हिचकिचा रहे हैं जो अब जांच का विषय बन चुका है।