नारायणपुर 14मई2023/ बीते 9 मई से 12 मई 2023 के बीच भूटान में आयोजित विश्व मल्लखंब चैंपियनशिप में कई देशों ने प्रतिभाग किया , जिसमे भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व करते हुए छत्तीसगढ़ तीन खिलाड़ियों ने भी भाग लिया ,बालक वर्ग में संतोष शोरी और बालिका वर्ग में से जयंती कचलाम व संताय पोटाई शामिल हुए ।
ये तीनों ही खिलाड़ी छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ क्षेत्र के निवासी है। अबूझमाड़ भारत का ऐसा जनजातीय क्षेत्रों से एक है जिसे हम आज भी अनछुआ मानते हैं, क्योंकि अभी भी यह क्षेत्र आधुनिक समाज से दूर है, जहां लोगो की जीवन शैली थोड़ी से खेती , जंगल व शिकार आदि पर निर्भर है और अति संवेदनशील क्षेत्र होने के कारण यहां कोई बदलाव होने के गुंजाइश भी बहुत कम बचती है और ऐसे क्षेत्र से किसी खिलाड़ी का निकल पाना और वह भी अंतराष्ट्रीय स्तर स्वर्ण पदक जीतना विशेष होने के साथ साथ अपने जीवन के लक्ष्य को पाने जैसा है।
संतोष शोरी –
नारायणपुर के देवगांव , पोर्टा केबिन स्कूल में कक्षा पांचवी (2017) से मल्लखंब का अभ्यास करना प्रारंभ किया , इनके शब्दों में कहें तो – “”शुरुआत में तो मैने इसे स्कूल के सीनियर बच्चो को देखकर मल्लखंब करना शुरू किया , किंतु बाद में मुझे इस खेल में आनंद आने लगा , फिर तो रोजाना मल्लखंब अभ्यास करने लगा “” । इसी के साथ हमारे कोच हमे मल्लखंब के अन्य राज्यों की प्रतिस्पर्धाओं में भी ले जाने लगे, शुरुआत में हमें कई बार हार का सामना करना पढ़ा , पर धीरे धीरे हमारी रैंकिंग ऊपर आने लगी ,उत्साह बढ़ने लगा और 2020 बिलासपुर इन्विटेशनल नेशनल चैंपियनशिप में मेरा पहला स्वर्ण पदक हाथ लगा , इसके बाद मैने फिर कभी पीछे मुडकर नही देखा , और इसी वर्ष कोरोना महामारी का भी आगमन हुआ और मुझे अपना स्कूल हॉस्टल छोड़कर गांव जाना पड़ा, फिर मैने अपने कोच से बात की और हमारे कोच ने मुझे अपने साथ रखा। जहा हमारा स्कूल साल भर से बंद था , वहीं मैने अपने पढ़ाई व मल्लखंब के अभ्यास पूरा ध्यान रखा , जिसके परिणाम उज्जैन में आयोजित सितंबर 2021 को मैने 2 मेडल भी प्राप्त किए
2022 जून खेलो इंडिया में 1 कांस्य पदक
2022 अक्टूबर गुजरात नेशनल गेम्स में 1 कांस्य पदक
2023 फरवरी खेलो इंडिया में 2 कांस्य पदक भी प्राप्त किए।
अब तक कुल राज्य व राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में संतोष के द्वारा कुल 18 पदक प्राप्त किए गए , जिसके परिणाम संतोष शोरी का चयन विश्व चैंपियनशिप में हुआ
9मई से 12 मई 2023 को द्वितीय विश्व मल्लखंब चैंपियनशिप के अंतर्गत टीम चैंपियनशिप में 1 स्वर्ण पदक प्राप्त किया ।
संताय पोटाई राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर 17 पदक जीत चुकी है , जिसके आधार पर इनका अंतराष्ट्रीय स्तर पर चयन हुआ था ये भी
छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ से आती हैं, ये 2018 से मल्लखंब कर रही हैं, और इन्होंने उस दौरान ही निर्णय ले लिया कि ये खेल के उस शिखर तक पहुंचेगी , जहां एक सफल खिलाड़ी को होना चाहिए
जयंती कचलाम आप कक्षा 12वी छात्रा है पिछले 4 वर्षो से मल्लखंब अभ्यास कर रही हैं
छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ नारायणपुर की यह छात्रा अब तक राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर कुल 14 पदक जीत चुकी हैं ,आज अंतराष्ट्रीय स्तर स्वर्ण पदक जीतकर इन दोनो ही बालिकाओं ने समस्त छत्तीसगढ़ की बालिकाओं के नई ऊर्जा भर दी है, और सभी लड़कियों के प्रेरणासोत्र के रूप मे उभर कर आई है।
इन तीनों ही खिलाड़ियों ने ये साबित कर दिया , कि आप परिस्थिति के अधीन नहीं ,बल्कि परिस्थिति आपके अधीन होनी चाहिए , परिस्थितियां तो चुनौती के साथ अवसर भी प्रदान करती हैं,जूझने की प्रेरणा और साहस देती हैं। ऐसे संवेदनशील क्षेत्र से निकल कर पर्याप्त सुविधा नहीं होने के बावजूद अंतराष्ट्रीय स्तर एक पहचान बना पाना अपने आप में विशेष और महत्वपूर्ण है। निश्चित रूप सेअंतराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को मात देकर विश्व स्तर पर छवि बनाना एक मजबूत इच्छाशक्ति के व्यक्तित्व ही ऐसा कर पाने में सक्षम होते हैं।