दिल्ली/बिलासपुर 09 मई 2023 । गुरुघासीदास सेवादार संघ(GSS) के तत्वाधान में 18 मई 2023 को जंतर मंतर दिल्ली में सतनाम धर्म को विधिक मान्यता अर्थात सतनाम धर्मिर्यों को सतनाम धर्मी कहा-लिखा-गिना जाए एवं सतनाम धर्म स्थल सर्वोच्च प्रबंधन संस्थान (SDSSPS) सतनाम धर्म स्थलों का मालिकाना कब्जा व व्यवस्थापिकिय प्रबंधन कथित गुरु-महंतो, प्रशासनिक व्यवस्था-पंडागिरी-निजी हित स्वार्थ को हटाकर मालिकाना हक प्रदान करने धरना-प्रदर्शन किया जाना है जिसकी बैठक संपन्न हुई।
इसके प्रचार के लिए GSS टीम द्वारा दिल्ली में रह रहे दिल्ली के पास महेतरु डेरा (थाना सूरजकुंड जिला फरीदाबाद-हरियाणा) के सतनाम भवन में जन संपर्क व ग्रुप मीटिंग किया गया।ज्ञात हो कि यह स्थान बरसों पहले प्रमुखतः छत्तीसगढ़ के (तब के मध्यप्रदेश राज्य) के बिलासपुर जिले के बिल्हा क्षेत्र (जो संभवतः देश का सबसे बड़ा ब्लॉक है) के सेवती, झाल, बुंदेला आदि गांवों से रोटी के लिए पलायन कर महेतरु डेरा (सूरजकुंड से लगया तब का खदान क्षेत्र) के पत्थर खदान में काम करने ठेकेदारों द्वारा ले जाया गया और खदान मालिकों-ठेकेदारों द्वारा बंधुआ मजदूरी कराया जाता था। इस पर बंधुआ मजदूर मुक्ति मोर्चा का गठन कर दिवंगत स्वामी अग्निवेश द्वारा आंदोलन संगठित किया था और तब माननीय सर्वोच्च न्यायालय के ऐतिहासिक निर्णय पर बंधुआ पुनर्वास कार्यक्रम लागू हुआ था।बाद में यहाँ पत्थर खदान बंद हो गया और इससे आसपास बस्तियां बस गई। इन्ही बस्तियों में से एक जगह को बिलासपुरी/छत्तीसगढ़ी मजदूर मुखिया महेतरु के नाम पर “महेतरु डेरा” नाम पड़ा।
आज वहां छत्तीसगढ़ी मजदूरों की आबादी बहुत कम हो गई है। लोग अन्यत्र (बहुतायत में छत्तीसगढ़ आ गए) चले गए हैं।अब भी जो थोड़े बहुत सतनाम धर्मीं रहते हैं, उनसे संपर्क-बातचीत हुआ। उन्होंने GSS के दिल्ली धरना-प्रदर्शन में शरीक होने का वचन दिया है।उक्तशाय की जानकारी फोटोग्राफी जारीकर्ता सुकालू कोठारी GSS दिल्ली कार्यक्रम उप प्रभारी ने दी।