Home बड़ी खबर आदिवासी नेता नंदकुमार साय का बहुजन समाज पार्टी में स्वागत है बसपा अध्यक्ष हेमन्त पोयाम।

आदिवासी नेता नंदकुमार साय का बहुजन समाज पार्टी में स्वागत है बसपा अध्यक्ष हेमन्त पोयाम।

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आदिवासी नेता नंदकुमार साय का बहुजन समाज पार्टी में स्वागत है बसपा अध्यक्ष हेमन्त पोयाम।

रायपुर 30 अप्रैल 2023 । आज जैसे कि खबर आ रही है कि दिग्गज आदिवासी नेता नंदकुमार साय ने बीजेपी से इस्तीफा दे दिया है। नंदकुमार साय के कांग्रेस पार्टी ज्वाइन करने की अटकलें लगाई जा रही हैं।बहुजन समाज पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष हेमंत पोयाम ने नंदकुमार साय का बसपा में आने स्वागत किया है। बहुजन समाज पार्टी का मानना है कि चाहे बीजेपी हो या कांग्रेस ये दोनों ही आदिवासी विरोधी पार्टियां हैं और संविधान विरोधी भी। पोयाम ने कहा की इनका पिछला इतिहास देखें तो पता चलता है कि देश में लगभग पचास वर्ष तक शासन करने वाली कांग्रेस पार्टी ने हमेशा आदिवासी नेताओं की उपेक्षा ही नहीं किया बल्कि इतना अपमानित किया कि कई बड़े दिग्गज आदिवासी नेताओं को कांग्रेस छोड़कर जाना पड़ा। फिर चाहे वो डाॅ. भंवरसिंह पोर्ते हों, शिवभानु सिंह सोलंकी हों, या कई बार के सांसद व केन्द्रीय मंत्री रहे अरविंद नेताम हों। कांग्रेस ने हमेशा आदिवासी नेतृत्व को दबाने का ही काम किया है।

 

ठीक इसी तरह से हिन्दुत्व की राजनीति करने वाली बीजेपी में भी आदिवासी नेताओं को कभी भी मान-सम्मान नहीं मिला है। बल्कि केवल एक वोट बैंक के रूप में ही इस्तेमाल किया है। जिसका ताजा उदाहरण दिवंगत सोहन पोटाई हैं। जिन्होने कई बार सांसद बनकर बीजेपी का वोट बैंक बढ़ाने का काम किया था। लेकिन अंत में उनको भी बीजेपी में उपेक्षित होकर पार्टी छोड़नी पड़ी। बीजेपी ने मजबूरी में ही सही एक आदिवासी नेता विष्णुदेव साय जी को प्रदेश अध्यक्ष तो बनाया लेकिन 2022 में विश्व आदिवासी दिवस के दिन ही उनको प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाकर आदिवासी समाज को सीधे-सीधे अपमानित करने का काम किया था। और भी कई उदाहरण देखने को मिला है जब बीजेपी ने अपनी आदिवासी विरोधी मानसिकता का परिचय दिया है।इसलिए बहुजन समाज पार्टी के संस्थापक मान्यवर कांशीराम साहब ने कांग्रेस और बीजेपी को नागनाथ और सांपनाथ कहा था। और अनु.जाति,जनजाति,पिछड़े वर्ग और सर्व समाज के गरीब लोगों से कहा था कि इन दोनों पार्टियों से सावधान रहने को कहा था।

इसलिए नंदकुमार साय का आदिवासी विरोधी पार्टी बीजेपी से त्यागपत्र देने का निर्णय बहुत ही अच्छा फैसला है, लेकिन बीजेपी को छोड़कर दूसरे दुश्मन कांग्रेस पार्टी के शरण में जाने का निर्णय भी उनके लिए आत्मघाती होगा।ऐसे में पोयाम ने नंदकुमार साय जी का बहुजन समाज पार्टी छत्तीसगढ परिवार में आने का न्यौता दिया है।

पोयाम ने आगे कहा की बहुजन समाज पार्टी के संस्थापक मान्यवर कांशीराम साहब ने अविभाजित मध्यप्रदेश में एक नारा दिया था कि म.प्र. की मजबूरी है, आदिवासी राज जरूरी है। और आज बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मान. बहन कु. मायावती जी की भी दिली चाहत है कि छत्तीसगढ राज्य आदिवासी बहुल है, इसलिए यहां पर आदिवासी राज का होना बहुत जरूरी है। और इन दोनों ही पार्टियों के राज में आदिवासी समाज गाजर-मूली की तरह मारा-काटा जा रहा है, ये बात भी सारी दुनिया जानती है।इसलिये इन दोनों पार्टियों की आदिवासी समाज के साथ की गई ऐतिहासिक धोखेबाजी को देखते हुए बहुजन समाज पार्टी छत्तीसगढ इकाई माननीय नंदकुमार साय जी का तहे-दिल से स्वागत करती है कि वो *बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर जी* और *मान. जयपाल सिंह मुंडा जी* के सपनों को पूरा करने और भारतीय संविधान की मंशानुरूप छत्तीसगढ में आदिवासी राज की स्थापना करने हेतु ब.स.पा. ज्वाइन करें और प्रदेश का नेतृत्व करने का कार्य करें।