Home बड़ी खबर शिक्षकों को आर्थिक सर्वे कार्य में लगाए जाने से पढ़ाई लिखाई प्रभावित।

शिक्षकों को आर्थिक सर्वे कार्य में लगाए जाने से पढ़ाई लिखाई प्रभावित।

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सरसीवां 09 अप्रैल 2023 । आर्थिक सर्वेक्षण कार्य में प्राथमिक, मिडिल स्कूल के शिक्षकों को लगाए जाने से पढ़ाई लिखाई के साथ-साथ मध्याह्न भोजन, परीक्षा जैसे अति महत्वपूर्ण कार्य प्रभावित हो रहा है। एक अप्रैल से पूरे छत्तीसगढ़ स्तर पर शासन के आदेश पर आर्थिक सर्वेक्षण का कार्य कराया जा रहा है। प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों के साथ साथ आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रगणक बनाया गया है। आर्थिक सर्वेक्षण में लगे प्रगणक के कार्य करने का कोई निश्चित समय निर्धारित नहीं है। ऐसे में स्कूली समय में ही सर्वे कार्य करने से स्कूलों का अध्यापन कार्य प्रभावित हो रहा है। कई एकल शिक्षकीय स्कूलों के शिक्षकों को प्रगणक बनाया गया है। ऐसे स्कूलों में तालाबंदी की नौबत आ गई है। परीक्षा के दौरान ही शिक्षकों को शिक्षकीय कार्य के इतर आर्थिक सर्वे कार्य में लगाए जाने का विरोध हो रहा है। पालकों का कहना है कि सामने परीक्षा है। परीक्षा के समय पढ़ाई लिखाई को छोड़ आर्थिक सर्वे कार्य में लगाया जाना अनुचित है। इससे बच्चों के भविष्य पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है।

बिलाईगढ़ विखं के लगभग सभी गांवों में आर्थिक सर्वे का कार्य चल रहा है। बिलाईगढ़ विखं में संचालित कई प्राथमिक शालाएं एकल शिक्षकीय है। शिक्षकों की कमी से जूझ रहे शालाओं के शिक्षकों को ही प्रगणक बनाए जाने से स्कूलों की पढ़ाई लिखाई प्रभावित होना स्वाभाविक है। परीक्षा सिर पर है और पढ़ाई लिखाई नहीं होने से पलकों का चिंतित होना लाजिमी है। जिन शिक्षकों को प्रगणक बनाया गया है उनके कार्य करने का समय को लेकर भी विरोध हो रहा है। जिस समय बच्चों को पढ़ाने चाहिए उस समय शिक्षक घर घर सर्वे कार्य में जुटे हुए हैं। लोगों का मानना है कि स्कूली समय के बाद या पहले सर्वे कार्य कराया जाना चाहिये।

*शिक्षक व्यवस्था में हो रही है परेशानी*

एक तो कई शासकीय प्राथमिक शालाएं शिक्षकों की कमी से जूझ रही हैं। ऊपर से इन शालाओं के शिक्षकों को प्रगणक के रूप में नियुक्त कर आर्थिक सर्वेक्षण कार्य में लगाया गया है। प्रगणकों की नियुक्ति जिला कलेक्टर के आदेश पर किया गया है। कई स्कूलों में एकल शिक्षक होने से शैक्षिक गतिविधियां संचालित करने के लिए अतिरिक्त शिक्षकों की आवश्यकता पड़ रही है। शिक्षकों की कमी के चलते शिक्षक व्यवस्था नहीं हो पा रही है।

 

*न्यायालय के निर्देश का पालन नहीं*

आर्थिक सर्वेक्षण कार्य में ग्राम पंचायत सचिव एवं रोजगार सहायकों को भी लगाया जा सकता है मगर पंचायत सचिव हड़ताल पर चले जाने के कारण से उन्हें नहीं लगाया जा सकता। ऐसे में शिक्षकों को ही सर्वे कार्य में लगाया गया है जो कि न्यायालय के आदेश के विपरीत है। वर्तमान में सचिव हड़ताल पर चले जाने के कारण से आर्थिक सर्वेक्षण कार्य भी प्रभावित हो रहा है।

*मध्यान भोजन का संचालन भी प्रभावित*

कई स्कूलों के प्रधान पाठकों को भी आर्थिक सर्वेक्षण कार्य में लगाने से शिक्षा व्यवस्था बेपटरी हो गई है। प्रधान पाठक ही आर्थिक सर्वे में लगे होने के कारण से मध्यान भोजन का संचालन ठीक से नहीं हो पा रहा है।